लखनऊ, बीपी प्रतिनिधि। राजधानी लखनऊ में स्कूली बच्चों को ढोने वाले अनफिट वाहनों मालिकों पर अब हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाएगा. डीएम लखनऊ सूर्यपाल गंगवार ने साफ कर दिया है कि स्कूलों के वाहन अगर अनफिट पाए गए तो एफआईआर दर्ज की जाएगी. जिलाधिकारी ने स्कूली वाहनों की फिटनेस और वैधता के संबंध में जिला स्कूल निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, आरटीओ, एआरटीओ और स्कूल के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण की बैठक की.
बैठक में जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश दिए कि स्कूली वाहनों को तीन दिन के अंदर पंजीकरण कराया जाए. जिन स्कूली वाहनों के फिटनेस सही नहीं पाए गए तो उनके खिलाफ धारा 302 और 307 के मुकदमा दर्ज कर सख्त एक्शन लिया जाएगा.
डीएम लखनऊ का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा के नजरिए से स्कूल वाहनों का फिटनेस 100 प्रतिशत होना चाहिए. ऐसे में स्कूली वाहनों के मालिकों, प्रधानाचार्यों का यह दायित्व है कि स्कूल वाहनों का फिटनेस करा कर रखें, नहीं तो अब सख्त कार्रवाई होगी.
डीएम ने बताया कि जयपुरिया स्कूल के वाहन बिना रजिस्ट्रेशन के चलाए जा रहे थे. जिस कारण उस पर एफआईआर की गई. वहीं, जीडी गोयनका स्कूल की बस का पंजीकरण न होने के कारण एफआईआर दर्ज की गई.
मोटर वाहन नियमावली 1998 के अध्याय 9- क ”विद्यालयीय यानों हेतु विशेष उपबंध” में यह बताया गया है कि निर्धारित मानकों के अनुरूप स्कूली वाहनों को फिट रखें. ऐसे विद्यालयों के स्कूली वाहनों का जिनका पंजीकरण नहीं हुआ है, उन स्कूलों की मान्यता जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नियमों का पालन करते हुए उनकी मान्यता रद्द कर दी जाए. डीएम द्वारा दिए गए निर्देशों के चलते आरटीओ विभाग शनिवार और रविवार अवकाश के दिन भी खुले रहे