लखनऊ, बीपी डेस्क। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल के संयुक्त्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता है, लेकिन दोनों पक्षों में वैमनस्य नहीं होना चाहिए। महामहिम ने इसके साथ ही कहा कि प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना ही सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष का कर्तव्य है। राष्ट्रपति कोविंद ने दोनों सदनों के सदस्यों से कहा, ‘उत्तर प्रदेश विधानमंडल में सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के बीच गरिमापूर्ण सौहार्द का गौरवशाली इतिहास रहा है।
हालांकि इस समृद्ध परंपरा के विपरीत कभी-कभार जो अमर्यादित घटनाएं हुई हैं, उन्हें अपवाद के रूप में भुलाने का प्रयास करते हुए आप सबको उत्तर प्रदेश की स्वस्थ राजनीतिक परंपरा को और मजबूत बनाना है। लोकतंत्र में सत्तापक्ष तथा प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता हैं, परंतु दोनों पक्षों में वैमनस्य नहीं होना चाहिए।’
कोविंद ने कहा, ‘प्रदेश की जनता को आप सबसे बहुत सी उम्मीदें और अपेक्षायें हैं। उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही आपका सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य हैं और आपकी जनसेवा के दायरे में सभी नागरिक शामिल हैं, भले ही उन्होंने आपको वोट दिया हो या न दिया हो।’
उन्होंने कहा कि जिन्होंने आपको वोट दिया है, और जिन्होंने वोट नहीं दिया है, आपको सबके लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन आपस में वैमनस्यता नहीं होनी चाहिये। अपनी हाल की वाराणसी यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि वहां के काशी विश्वनाथ मंदिर व गलियारे भव्य हो गए हैं।
इस तरह पीएम मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महात्मा गांधी के उस असन्तोष को दूर कर दिया जो उन्होंने अपनी काशी यात्रा के दौरान मंदिर की तंग गलियों व गंदगी देख जाहिर किया था। उन्होंने विधानमंडल के दोनों सदनों में महिलाओं की कम संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह बढ़ाया जाना चाहिये। 24 मिनट के संबोधन में राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया।