कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में आपसी झगड़ा करने वाले आधा दर्जन छात्रों को पहली बार अनूठी सजा दी गई है। इससे मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को संदेश दिया जा रहा है कि उनके सुखद कैरियर से परिवार ही नहीं, देश को भी उम्मीदें हैं। इसलिए माता-पिता की उम्मीदों पर फोकस करना होगा।
नए नियम के तहत सभी को 21 दिन की अनुशासिक परीक्षा देनी पड़ रही है। साथ में माफीनामा भी रोज देना पड़ रहा है। परीक्षा में पास होने पर ही उनके निलंबन को खत्म किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक बीते महीने फिजियोलॉजी विभाग के बाहर एमबीबीएस फर्स्ट ईयर छात्रों के दो गुटों में झगड़ा हो गया था। मारपीट का मामला प्रॉक्टोरियल बोर्ड के पास पहुंचा तो जांच कराने के बाद अफान, अनुभव, निर्भय, सुमित, कुमार और पंकज को निलंबित कर दिया। निलंबन जारी है लेकिन उन्हें प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सामने हर दिन एक चैप्टर तैयार कर उसकी परीक्षा देनी पड़ रही है।
इसमें पास होने पर ही उन्हें जाने दिया जा रहा है। पूरे दिन एक ही जगह बैठकर चैप्टर तैयार करने पड़ रहे हैं। माफीनामा भी लिखना पड़ रहा है कि अब झगड़ा नहीं करेंगे, अध्ययन में सारा फोकस करेंगे।बोर्ड के हेड प्रो. यशवंत राव ने भी माना कि निलंबित छात्रों को हर दिन एक अध्याय तैयार कर टेस्ट भी देना पड़ रहा है। यह एक सकरात्मक अनुशासन का हिस्सा है। ताकि छात्र अपने करियर को बेहतर कर सकें। इसमें उन्हें सिर्फ डॉक्टरी पढ़नी है और साथियों को संदेश देना है कि हम सभी को अच्छा डॉक्टर बनकर देश का नाम रोशन करना है।
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