दागी और करोड़पति बने विधायक, आपराधिक छवि वाले 15 प्रतिशत अधिक बने माननीय

Politics उत्तर प्रदेश लखनऊ

स्टेट डेस्क/लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बाहुबली विधायक उम्मीदवार ज्यादा नजर आए। पार्टियों ने भी बाहुबलियों को खूब टिकट बांटे। उत्तर प्रदेश में 403 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों में पाया गया कि पिछले चुनाव के मुकाबले 11% अधिक करोड़पति विधायक बने हैं। सबसे अधिक सपा ने बाहुबलियों को टिकट बांटा। वहीं भाजपा ने करोड़पतियों को सदन पहुंचाया।

इस चुनाव में 205 उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले हैं। इस बार 158 (39 प्रतिशत) ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जो कि पिछले चुनाव में 402 में से 107 विधायक ही थे। पांच विजेता उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 29 ने हत्या के प्रयास, छह ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं तो एक विधायक ऐसे भी चुने गए हैं, जिनके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हैं।

दलवार समीक्षा की जाए तो भाजपा के 255 में से 111 (44 प्रतिशत), समाजवादी पार्टी के 111 में से 71 (64 प्रतिशत), राष्ट्रीय लोकदल के 8 में से 7 (88 प्रतिशत), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6 में से 4 (67 प्रतिशत), निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (निषाद) के 6 में से 4 (67 प्रतिशत), अपना दल (सोनेलाल) के 12 में से 3 (25 प्रतिशत), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 (100 प्रतिशत), कांग्रेस के दो (100 प्रतिशत) और बसपा के एक (100 प्रतिशत) विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

गंभीर आपराधिक मामलों में भाजपा के 35 प्रतिशत, सपा के 43 प्रतिशत, रालोद के 63 प्रतिशत, सुभासपा के 67 प्रतिशत, निषाद के 67 प्रतिशत, अपना दल (एस) के 17 प्रतिशत, जबकि कांग्रेस, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और बसपा के सौ-सौ प्रतिशत प्रत्याशी हैं। कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के कुल दो और बसपा के एक ही विधायक हैं, इसलिए इनका आंकड़ा सौ प्रतिशत है।

कुल 403 में से 366 यानी 91 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। 2017 में यह आंकड़ा 80 प्रतिशत था। भाजपा के 255 में से 233 (91 प्रतिशत), सपा के 111 में से 100 (90 प्रतिशत), अपना दल (एस) के 12 में से नौ (75 प्रतिशत), रालोद के आठ में से सात (88 प्रतिशत), सुभासपा के छह (100 प्रतिशत), निषाद पार्टी के छह (100 प्रतिशत), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो (100 प्रतिशत), कांग्रेस के दो (100 प्रतिशत) और बसपा के एक (100 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं।

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इन सभी की घोषित संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक की है। 45 प्रतिशत विधायकों की संपत्ति पांच करोड़ से अधिक 30 प्रतिशत की दो से पांच करोड़ के बीच है। 20 प्रतिशत की संपत्ति 50 लाख से दो करोड़, जबकि तीन विधायक संपत्ति के मामले में सबसे ऊपर हैं। इनमें अमित अग्रवाल (148 करोड़), मोहम्मद नासिर (60 करोड़) और राकेश पांडेय (59 करोड़) सबसे अमीर हैं। विजेता उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 8.06 करोड़ है, जो 2017 में 5.92 करोड़ थी।