कानपुर, बीपी प्रतिनिधी। के गोविंद वर्मा हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल सभी छह युवकों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लूटी गई कार और सोने की चेन अंगूठी तथा मोबाइल भी बरामद कर लिया है। पुलिस के मुताबिक उसके पुराने दोस्तों ने हुक्का पीने को लेकर हुए मामूली विवाद की खुन्नस में गोविंद का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी। पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नवाबगंज ख्योरा निवासी केस्को कर्मी रमेश वर्मा का बेटा गोविंद (25) का 1 जुलाई की रात अपहरण हुआ था। उसके बाद शव दो जुलाई को कानपुर देहात के अकबरपुर में मिला था। पुलिस ने शव मिलने के बाद जांच शुरू की। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से आरोपियों तक पहुंची।
पुलिस ने लूटी गई कार, एक बाइक, गोविंद की अंगूठी व चेन बरामद की है। केस्को कर्मचारी रमेश वर्मा का बेटा गोविंद एक जुलाई की शाम को घर से निकला था। रात दस बजे परिवार वालों से उसकी आखिरी बातचीत हुई थी। दूसरे दिन अकबरपुर में उसका शव मिला था। तीन जुलाई को उसकी शिनाख्त हुई थी। तब नवाबगंज पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की थी। पुलिस के मुताबिक, पुरानी खुन्नस में छह दोस्तों ने ही उसकी हत्या की थी। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। नवाबगंज निवासी मोनू और सौरभ से करीब छह महीने पहले गोविंद का विवाद हुआ था।
उनके बीच हुक्का पीने को लेकर विवाद हुआ था। तभी से दोनों खुन्नस रखते थे। एक जुलाई की शाम को जब गोविंद मकड़ीखेड़ा में खड़े होकर किसी के आने का इंतजार कर रहा था तभी मोनू व सौरभ अपने चार साथियों के साथ वहां से गुजर रहे थे। सभी एक बर्थडे पार्टी से लौट रहे थे और शराब के नशे में धुत थे। आरोपियों के मुताबिक गोविंद को देखकर उन्होंने उसको पकड़ा और फिर कार में बैठा लिया था।
आरोपियों ने गोविंद को कार में बैठाकर पहले पीटा। कार में भी शराब पी। उन्नाव के सिविल लाइंस स्थित टाटा के एटीएम से पैसे निकालकर जाजमऊ की तरफ गए। यहीं चलती कार में गोविंद का गला घोंट दिया। उसके बाद सीधे कानपुर देहात के अकबरपुर क्षेत्र में गए। यहां शव फेंककर नवाबगंज लौट आए।