अब आइआइटी कानपुर सिखाएगा साइबर अपराधों से लड़ने का तरीका, सर्टिफिकेट कोर्स शुरू

Education उत्तर प्रदेश कानपुर

कानपुर/बीपी डेस्क : साइबर अपराध आज बहुत बड़ी चुनौती है। साइबर अपराध रोकने और इससे लडऩे की तकनीक क्या है, यह अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) की ई एंड आइटीसी अकादमी सिखाएगी। अकादमी ने साइबर सिक्योरिटी के तहत सर्टिफाइड एथिकल हैङ्क्षकग (सीईएच) नाम से एक नया कोर्स शुरू हुआ है। छात्र-छात्राओं को उन साफ्टवेयर व उपकरणों की जानकारी भी दी जाएगी, जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधी करते रहते हैं। छात्र-छात्राओं को साइबर हमलों से निपटने के लिए सिखाए जायेगा।

संस्थान के प्रोफेसर संदीप शुक्ला के मुताबिक पाठ्यक्रम में साइबर सुरक्षा की मूलभूत अवधारणाओं को भी शामिल किया है। वहीं कोर्स के दौरान विशेषज्ञ साफ्टवेयर और सिस्टम सुरक्षा को कवर करना भी बताएंगे। इसमें कंट्रोल हाइजैङ्क्षकग अटैक, बफर ओवरफ्लो, मेमोरी की सुरक्षा, ब्राउजर बाइपाङ्क्षसग की तकनीक भी शामिल रहेगी। साइबर सुरक्षा भेजने का पता लगाने वाले उपकरणों, नेटवर्क रक्षा उपकरणों, प्रोग्राम आधारित तकनीक की भी जानकारी दी जाएगी, जिससे हैकर का भी पता लगाया जा सकता है।

पाठ्यक्रम किसी भी कंप्यूटर सिस्टम की नेटवर्क व वेब सुरक्षा को कवर करेगा। छात्र टीसीपी (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकाल) व आइपी (इंटरनेट प्रोटोकाल) में सुरक्षा मुद्दों के बारे में जाना जाएगा। आज मोबाइल प्लेटफार्म में सुरक्षा की तकनीक भी सीखेंगे: विद्यार्थियों को मोबाइल प्लेटफार्म में सुरक्षा की तकनीक सिखाई जाएगी। जिसमें आपरेटिंग सिस्टम एंड्रायड व आइओएस के सुरक्षा माडल, सूचना ट्रैकिंग, रूट किट, मोबाइल एप में खतरे, मोबाइल एप के लिए विश्लेषक, वायरस, स्पाइवेयर, की-लागर्स व मालवेयर भी शामिल होंगे। हार्डवेयर ट्रोजन के खतरों और आपूर्ति शृंखला सुरक्षा के बारे में भी जानेंगे।

कंप्यूटर साइंस के छात्र व प्रोफेशनल कर सकेंगे कोर्स : प्रो. शुक्ला के मुताबिक सीईएच पाठ्यक्रम नेटवर्क सिस्टम में प्रवेश करने के लिए हैकर्स द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक में महारत हासिल करने के लिए जरूरी व्यावहारिक प्रशिक्षण देता है। इससे छात्र व प्रोफेशनल लोगों को अपने सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिलेगी। एथिकल हैकिंग कोर्स में ईसी-काउंसिल की ओर से नवीनतम पाठ्यक्रम शामिल किया गया है।

कोर्स की फीस महज 15 हजार रुपये तय की गई है। इसमें आवेदन के लिए अभ्यर्थी को कंप्यूटर साइंस या इंफार्मेशन टेक्नोलाजी का छात्र या प्रोफेशनल होना जरूरी है, ताकि उन्हें कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की बेसिक जानकारी न देनी पड़े। कंप्यूटर साइंस के शिक्षक भी इस कोर्स को कर सकते हैं।