प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे उन्नाव जनपद असोहा सीएचसी में मोबाइल की टार्च की रोशनी से मरीजों का हो रहा इलाज

उत्तर प्रदेश उन्नाव

Unnao,Asoha : पिछले दिनों बिधान सभा में समाज वादी पार्टी ने योगी सरकार के स्वास्थ्य विभाग की लचर तथा जीर्ण,शीर्ण ब्यवस्था पर जमकर हमला बोला था,और सरकार को उस पर सफाई देनी पड़ी थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर इसका जरा भी असर नहीं हो रहा है, लखनऊ सीमा से बिल्कुल सटे जनपद की सीएचसी असोहा का हाल यह है कि, यहां के जुम्मे दारो ने अस्पताल को अपनी निजी जागीर समझ कर तबेले में तब्दील कर दिया है।

सीएचसी में आने वाले मरीजों की देखभाल अंधेरे में,या फिर डाक्टर अपने मोबाइल की टार्च की रोशनी में करते हैं, मलहम पट्टी, इन्जेक्सन अंधेरे में या फिर मोबाइल की रोशनी में होता है, हद की बात तो यह है कि, गर्भ वती महिलाओं को प्रशव भी मोबाइल की रोशनी में कराया जाता है।

ऐसा भी नहीं कि यह बात सीएमओ तथा अन्य अधिकारियों को मालूम नहीं है, सब जानते हैं, लेकिन सीएम ओयहां के अधीक्षक तथा बड़े अधिकारी यहां के अधीक्षक पर मेहरबान है मेहरबान क्यो है इसका कारण भी कुछ होगा।

यहां के अधीक्षक साहब असोहा में 2015से जमे हैं यानी कि सात साल से भी ज्यादा साहब यही पर है तो सीएचसी अपने हिसाब से चलाते हैं,गौर तलब बात तो यह है कि,एडी जीएस बाजपेई ने असोहा सीएचसी का पांच सितंबर को आकाश्मिक निरीक्षण किया था तब यहां की बदहाल स्थिति को एडी ने खुद देखा था।

एडी ने देखा कि अस्पताल के अधीक्षक खुद नदारत तथा एक डाक्टर को छोड़कर बाकी छै डाक्टर नदारत,स्टाफ के कुल बीस लोग ड्यूटी से नदारद थे। अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ था,नदारत स्टाफ ने हाजिरी रजिस्टर पर एडवांस में अपनी हाजिरी लगा रंखा था लेकिन मामले की रिपोर्ट शासन को ही भेजी गई, फिल हाल असोहा सीएचसी की हालत काफी लंबे अर्से से बद से बद्तर हालत में है, लेकिन जनपद के सीएम ओ से लेकर शासन के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तमाशाई से लगते हैं।