कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। 196.57 करोड़ रुपये बरामदगी के बाद चर्चा में आए इत्र व्यापारी पीयूष जैन डबल विजन, ग्लूकोमा एवं उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीड़ित है। उसने एसीएमएम द्वितीय की अदालत में अपनी बीमारियों का हवाला देते हुए फरियाद लगाई थी कि बरामद की गई रकम पर टेक्स्ट और पेनाल्टी लेकर उसे राहत प्रदान की जाए।
लेकिन, कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि पीयूष जैन डीजीजीआई के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत कर राहत की मांग कर सकता है। राहत देने पर निर्णय डीजीजीआई कर सकता है। यहां पर उसके आवेदन को स्वीकार करने का कोई कारण नहीं है। सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल दी गई है।
इस संबंध में विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने बताया कि दो मार्च 2022 को पीयूष जैन की तरफ से न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसमें मामले की जानकारी देते हुए बताया गया था कि 196.57 करोड़ रुपए डीजीजीआई की टीम ने उनके कार्यालय और फर्म से बरामद किया था। पीयूष जैन ने बताया कि डीजीजीआई ने जीएसटी भुगतान किए बिना माल की पूर्ति के संबंध में मामला तय किया था।
वह डीजीजीआई द्वारा निश्चित की गई जीएसटी की रकम को जमा करने के लिए तैयार है। वह 35.38 करोड रुपए जमा करने को तैयार है। इस समय वह बीमारी से ग्रसित है। उसे राहत प्रदान की जाए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीयूष जैन को राहत लेने के लिए डीजीजीआई के बाद आवेदन करना चाहिए।
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