Lucknow, Beforeprint: दो साल की रोक के बाद उत्तर प्रदेश में अब फिर से प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने की कवायद शुरू हो गई है। केस्को ने यह मीटर लगाने भी शुरू कर दिए हैं। अभी तक न तो ईईएसएल ने इनकी रिपोर्ट ही पॉवर कॉरपोरेशन को सौंपी है न बीआइएस सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया ही पूरी हो सकी है।
दो साल पहले तकनीकी कारणों से लगी थी रोक
उत्तर प्रदेश में दो साल पहले प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगी रोक को हटा लिया गया है। रोक तकनीकी कारणों से लगी थी। इस रोक को हटाने के बाद केस्को (KESCO) ने फोर जी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने चालू भी कर दिया है। प्रदेश के बाकि हिस्सों में भी जल्द ही बिजली कंपनियां स्मार्ट मीटर लगाए जाने की कवायद को शुरू कर देंगी।
दोषियों पर अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
वहीं उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर में तकनीकी कमियों को लेकर दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने पर भी सवाल उठाए हैं। दरअसल दो साल पहले ये मामला उस वक्त सामने आया था जब कृष्ण जन्माष्टमी पर अचानक स्मार्ट मीटर ग्राहकों की बत्ती गुल हो गई थी। इसके बाद इस मीटर की तकनीक क्षमता पर कई सवाल उठ खड़े हुए थे।
उपभोक्ता परिषद ने उठाए हैं सवाल
इसके बाद पॉवर कॉर्पोरेशन ने इन मीटरों को लगाने पर रोक लगा दी थी। जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई। पर नतीजा कुछ नहीं निकला। दो साल में भी इस मामले में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि इन मीटरों के बीआइएस सार्टिफिकेशन में समस्या है। पॉवर कॉरपोरेशन ने ईईएसएल को पत्र लिखा और पूछा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर में क्या समस्याएं सामने आई हैं। ईईएसएल ने भी अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। अब जो मीटर लगाए जा रहे हैं उनकी जिम्मेदारी बिजली सप्लाई कम्पनियों की होनी चाहिए। पहले के खराब 12 लाख मीटरों को भी बदलने का काम शुरू करना चाहिए।