कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा और ना ही ऐसा कोई विचार चल रहा है। यह जानकारी कानपुर से चेन्नई गये उतर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कानपुर लौटने पर दी।
उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे मजदूर संघ का त्रैवार्षिक अधिवेशन चेन्नई में चल रहा है। इसमें शिरकत करते हुए मुख्य अतिथि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए नयी-नयी टेक्नोलॉजी को रेलवे में स्थान दिया जा रहा है। रेलवे का निजीकरण ना करने की बात रेल मंत्री ने अपने संबोधन में कई बार दोहरायी और कहा कि विपक्ष और विरोधी विचारधारा के लोग सरकार पर निराधार आरोप लगाते रहते हैं।
इस पर ध्यान ना देते हुए सरकार नित-प्रतिदिन रेलवे के विकास और रेल यात्रियों की सुविधा के लिए अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर कार्य कर रही है। कीमैन/ट्रैकमैन और लोको पायलट की समर्पित ड्यूटी का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रत्येक विभाग के रेलवे कर्मचारी के समर्पण भाव को नमन किया। रोजगार के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जब से वर्तमान सरकार सत्ता में आई है तब से केवल रेलवे के अंदर साढ़े तीन लाख नौकरियां दी जा चुकी है एवं रिक्त पदों को भरने पर काम हो रहा है।
भारतीय रेलवे मजदूर संघ को अपना परिवार बताते हुए कहा कि आप जब कभी अपनी समस्याओं को लेकर आयेंगे हम गंभीरता से विचार करेंगे क्योंकि आप राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए रेल हित और कर्मचारी हित में बिना मान्यता के कार्य कर रहे हैं। भारतीय रेलवे मजदूर संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार सिंह ने कानपुर में बिते दिनों ट्रैकमैन के द्वारा आत्महत्या का मुद्दा उठाते कर्मचारियों का अधिकारियों द्वारा शोषण का मुद्दा रेलमंत्री के सामने उठाया।
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अधिवेशन में कानपुर से पूर्व महामंत्री आईपीएस चौहान, पूर्व कोषाध्यक्ष ओपी मिश्रा, उपाध्यक्ष एमके झा, कोषाध्यक्ष कुन्दन सिंह वीरू, हेमंत विश्वकर्मा, राम सिंह, सूर्यकांत शर्मा, बंशी बदन झा, हरि बल्लभ दिक्षित, मोहित सिंह, प्रभात कुमार, राकेश वर्मा आदि पदाधिकारी सम्मिलित हुए।