कानपुर, बीपी प्रतिनिधि। तीन जून को नई सड़क और दादामियां पर हुई हिंसा के तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े हैं। हिंसा के दौरान शातिर अपराधी अकील खिचड़ी पाकिस्तान में अपने आकाओं से हुकुम ले रहा था। यह कनेक्शन सामने आते ही एसआईटी जांच में जुट गई है कि वह कौन शख्स हो सकता है, जो पाकिस्तान में बैठकर यहां के अपराधी को दिशा-निर्देश दे रहा था।
वहीं, दूसरी तरफ जांच में यह भी साफ हो गया है कि हिंसा के आरोपियों को फंड मुहैया कराने वाला व्यक्ति बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा का ही आदमी था। जिसके रुमाल लहराते ही भीड़ ने चंद्रेश्वर हाते पर धावा बोल दिया था।
एसआईटी की जांच में पता चला है कि हिंसा का मकसद भारत की छवि धूमिल करने के साथ साथ स्थानीय स्तर पर चंद्रेश्वर हाता को खाली कराना था। इस सूत्र पर एसआईटी ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र के मोबाइल टावरों का डाटा फिल्ट्रेशन किया तो पाकिस्तानी नंबर का पता चला। हिंसा के करीबी 19 दिन बाद पाकिस्तानी कनेक्शन की बात सामने आने से अफसरों की नींद उड़ गई है। जांच में पता चला कि शातिर अपराधी व डी-2 गैंग का सदस्य अकील खिचड़ी अपने मोबाइल से पाकिस्तान में बात कर रहा था।
गम्मू खां के हाता निवासी अकील कर्नलगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। इसके खिलाफ थाने में 21 गंभीर अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी है।
हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने चंद्रेश्वर हाते के बाहर रुमाल लहराकर हिंसा भड़काने वाले व्यक्ति को भी चिह्नित कर लिया है। पता चला है कि वह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि जेल भेजे गए आरोपी मुख्तार बाबा के बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट में काम करने वाला कर्मचारी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिशें दे रही है।
इसबीच एक मुखबिर ने जांच एजेंसियों को अकील खिचड़ी का एक स्क्रीन शॉट उपलब्ध कराया है। उसमें भी पाकिस्तानी नंबर दिख रहा है। जिससे अकील खिचड़ी बात कर रहा था। इसमें अकील ने लिखा है कि शेख साहब और बम चाहिए। उसके बाद काम हो जाएगा।