वाराणसी, स्टेट डेस्क। अदालत के आदेश पर वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम सोमवार को पूरा हो गया। सोमवार को सर्वे टीम को परिसर के एक हिस्से में शिवलिंग नजर आया। सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने तुरंत वाराणसी कोर्ट में आवेदन दिया कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है। सीआरपीएफ कमांडेंट को उस जगह को सील करने का आदेश देने की मांग की गई। सीनियर डिविजन के जज रवि कुमार दिवाकर ने तुरंत डीएम को उस जगह को सील करने का आदेश दिया। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस दावे को नकारा है।
जैन ने कोर्ट में आवेदन देकर कहा कि सर्वे के दौरान 12-12.5 फुट का शिवलिंग मस्जिद परिसर में पाया गया। उन्होंने कोर्ट से कहा कि जिलाधिकारी वाराणसी को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोका जाए। अदालत ने इसी आवेदन पर लगभग साढ़े 12 बजे जिस स्थान पर शिवलिंग पाया गया उसे अविलंब सील करने का आदेश दिया।
उधर परिसर में शिवलिंग मिलने पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।” मौर्य ने कहा है कि सच को कितना भी छुपा लें, सामने आ ही जाता है, क्योंकि सत्य ही शिव है।
इधर, कोर्ट से नियुक्त विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि जो वस्तुस्थिति पाई गई है, वही रिपोर्ट में लिखा जाएगा। न तो किसी के पक्ष में साक्ष्य बढ़ाया जाएगा और न ही घटाया जाएगा। बताया कि सर्वे के दौरान दोनों पक्षों ने शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण सहयोग प्रदान किया।
सर्वे टीम में शामिल एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि परिसर के एक हिस्से में जमा पानी को निकलवाया गया। सफाई के बाद पत्थर के नीचे दबा शिवलिंग मिला। भूतल से इस शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 20 फुट है। फिलहाल उस स्थान को मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है। यह वही स्थान है जहां मुस्लिम वजू करते हैं। इस बारे में हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि शिवलिंग नंदी महाराज के ठीक सामने मिला। हम लोगों ने इस स्थान को सील करने के लिए कोर्ट से निवेदन किया जिसे माननीय कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
हिंदू पक्ष का दावा है कि नंदी महाराज के सामने जो तहखाना है, उसी में अंदर मस्जिद के बीचों-बीच आज भी शिवलिंग दबा है। इस विशालकाय शिवलिंग का रंग हरा है। वहीं अरघा भी काफी बड़ा है। विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में जिसे तहखाना कहा जा रहा है वह असलियत में मंदिर मंडपम है। इसलिए इसे मंडपम कहना ही उचित होगा।
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