कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा को लेकर विद्यार्थियों को किया जागरूक

उत्तर प्रदेश उन्नाव

पुरवा- उन्नाव, अशोक तिवारी। सोमवार को एमआरआरएस इंटर कॉलेज में इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड एडवांस्ड स्टडीज (आईएमएएस) लखनऊ तथा राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा साइबर सुरक्षा हेतु  चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत तीन दिवसीय मोटिवेशनल कैंप का शुभारंभ किया गया। कालेज के छात्र एवं छात्राओं को सम्बोधित करते हुए डॉ. वीपी सिंह ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केएमसी भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के डॉ. सुमन कुमार मिश्रा अपने वक्तव्य में साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि आज के समय में यह विषय हर किसी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के इस युग में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा हो रहे हैं। अतः विद्यार्थियों को इस बारे में जानकारी बहुत उपयोगी है। 

लखनऊ विश्व विद्यालय के डा0 पुनीत मिश्रा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बताया कि इस आधुनिक युग में यांत्रिक बुद्धिमत्ता बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई है और लगातार इस क्षेत्र में विकास हो रहा है। मोबाइल फोन से लेकर रोबोट और ड्रोन तक अनेक मशीनें कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सहारा लेकर हमारी जीवन पद्धति को सरल बना रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और कालेज के प्रबंधक रमेश चंद्र गुप्त ने कहा कि इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों को लाभ उठाना चाहिए।

प्राचार्य डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने ऐसे कार्यक्रमों को बेहद उपयोगी बताया। कार्यक्रम समन्वयक अवध किशोर में बताया कि कल पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।साथ ही विद्यार्थियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा पर मॉडल बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा जिस पर विद्यार्थी के होने वाले खर्च को आईएमएएस वहन करेगी।

तीसरे दिन कैम्प में आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ की मोबाइल सांइस एग्जिबिशन में अनेक वैज्ञानिक प्रदर्श विद्यार्थी देख और परख कर मनोरंजन के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ अपने को जोड़ सकेंगे। इसमें विज्ञान फिल्मों को भी दिखाया जायेगा। वैज्ञानिकों द्वारा वैज्ञानिक मॉडल बनाना भी सिखाया जाएगा। विज्ञान के नवीनतम विषयों में शिक्षा और प्रशिक्षण के साथ रोजगार की संभावनाओं पर वैज्ञानिक व्याख्यान अयोजित किए जाएंगे।