नई दिल्ली/सेंट्रल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को वाराणसी जिला जज को ट्रांसफर कर दिया है। अब तक सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी इसकी सुनवाई कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह जिला जज वाराणसी को ट्रांसफर किया गया है।
यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को ऑर्डर 7 रूल 11 मामले की सुनवाई 8 हफ्ते में पूरी करने का आदेश दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्ह की पीठ ने कहा कि वह वाराणसी दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) पर कोई आक्षेप नहीं लगा रहे हैं, जो पहले से मुकदमे पर सुनवाई कर रहे थे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बिना किसी समुदाय का नाम लिए कहा कि एक हीलिंग टच देने यानी मरहम रखने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने आदेश में निचली अदालत के 16 मई के उस आदेश रद्द कर दिया, जिसमें मस्जिद के एक बड़े इलाके को सील करने का आदेश दिया था और सिर्फ 20 नमाजियों को नमाज पढ़ने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश दिया कि वाराणसी जिला जज इस बात पर सुनवाई करेंगे कि हिंदू पक्षकारों की याचिका सुनने लायक है या नहीं। उसे स्वीकार किया जाना चाहिए या नहीं।
इसके अलावा मुस्लिम पक्षकारों का कहना है कि हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार नहीं होनी चाहिए, क्योंकि धर्मस्थल कानून 1991 के अनुसार किसी धार्मिक स्थल का चरित्र जैसा 15 अगस्त 1947 में था वैसा ही रहेगा। इस पूरे मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी। वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 17 मई का जो अंतरिम आदेश था, जो एरिया सील किया गया है जहां शिवलिंग पाया गया है वो बरकरार रहेगा। ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाने के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
यह भी पढ़ें…