शाहजहांपुर/बंडा/चंद्रकांत दीक्षित : केन्द्र , प्रदेश सस्कारों की तिरंगा यात्राओं , घर २ तिरंगा लगाओ का आदेश गरीब जनता के मुँह का निवाला छीनने लगा है राशन की सरकारी दुकानों से राशन तभी दिया जा रहा है बीस रुपये का झंडा लेने पर ! एक तो बेचारे गरीबों को काफी बिलम्ब से राशन मिला है
खाने के लाले पड़े हुए हैं ऊपर से सरकारी अधिकारियों का राशन लेने वालों को अपरोक्ष तिरंगा बिक्री का आदेश तो जाने बबाल बन गया है डाकखानों आदि से तिरंगा बिक्री का आदेश तो ठीक है मनचाहे तो खरीदो ! स्वैच्छिकता को किसी की मजबूरी बना देना कहाँ का न्याय है ?
निःसंदेह राष्ट्रीय अस्मिता , देशप्रेम की पहचान है तिरंगा : इसका प्रचार , प्रसार हमारा सर्वोपरि कर्तव्य है तिरंगे की आन मान शान के लिए प्राणों की आहुति तक देना हम भारतीयों के लिए सौभाग्य की बात होती है लेकिन वर्तमान सरकारों की इसके लिए गरीबों , मजबूरों , अशक्तों के लिए खरीदने की अपरिहार्यता समझ से परे है ? जिले में कई स्थानों पर राशन लेने आए व्यक्तियों ने इस व्यवस्था की खुल्लमखुल्ला आलोचना की ।