कानपुर हिंसा का मास्टर माइंड हयात समेत सात की जमानत अर्जियां खारिज

उत्तर प्रदेश कानपुर

कानपुर, बीपी प्रतिनधि। कानपुर में नई सड़क पर तीन जून को हुए उपद्रव के मास्टर माइंड एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी व सपा नेता निजाम कुरैशी समेत सात आरोपियों की 21 जमानत अर्जियों अपर जिला जज 16 जितेंद्र कुमार द्विवेदी ने खारिज कर दी हैं। हयात की ओर से कोर्ट में तर्क रखा गया कि उसने बंदी का आह्वान किया था लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया गया था। उपद्रव में उसकी कोई भूमिका नहीं है। उसकी मंशा सिर्फ नूपुर शर्मा के बयान पर विरोध जताने की थी।

वहीं एडीजीसी दिनेश अग्रवाल व विशेष लोक अभियोजक पंकज त्रिपाठी ने तर्क रखा कि हयात ही उपद्रव का मुख्य साजिशकर्ता है। उसने ही बंदी से संबंधित पर्चे छपवाए, उन्हें जगह-जगह बटवाया और उपद्रव की रूपरेखा तैयार की। प्रशासन की सख्ती पर बंदी का आह्वान वापस लेने का आश्वासन देकर गुमराह किया। जब पुलिस-प्रशासन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के कार्यक्रम की सुरक्षा में मौजूद था उसी दौरान पूर्व नियोजित साजिश के तहत उपद्रव कराया गया।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने हयात के अपराध की गंभीरता को देखते हुए तीनों मुकदमों में जमानत अर्जियां खारिज कर दीं। इसी तरह उपद्रव में शामिल रहे सपा नेता निजाम कुरैशी, नई सड़क निवासी राहिल, चमनगंज निवासी मो.हसीब, कोपरगंज निवासी महताब उर्फ लल्लू, नजीरबाग बेकनगंज निवासी गुलाम गौस व पेंचबाग निवासी मोअज्जम शरीफ की जमानत अर्जियां भी खारिज कर दी गईं।