कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। हमीरपुर जिले के भरुआसुमेरपुर में रविवार को एक अनोखी शादी का आयोजन हुआ। जिसमें दो संत आपस में अपने पालतू पशुओं का विवाह बड़े ही धूमधाम से कराकर एक-दूसरे के समधी बन गए। बरात की सभी रस्में हिंदू रीति रिवाज के साथ निभाई गईं। जिसमें निकासी, द्वारचार, भांवरें, कलेवा, विदाई की सारी रस्में हुई। इस अनोखी शादी की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है।
सौंखर एवं सिमनौड़ी गांव के बीहडों में स्थित मनासर बाबा शिव मंदिर के महंत स्वामी द्वारिका दास महाराज ने अपने पालतू कुत्ते कल्लू का विवाह मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव के बजरंगबली मंदिर के महंत स्वामी अर्जुन दास महाराज की पालतू कुतिया भूरी के संग तय किया है। शादी शुभ मुहूर्त पांच जून रविवार को तय हुई थी।
सुमेरपुर थाना क्षेत्र में महेश्वरी बाबा मंदिर है। यहां पर त्यागी जी महाराज उर्फ द्वारिकादास महाराज रहते हैं। वे बताते हैं उन्होंने बचपन से कल्लू (डॉग) को पाला है। वह हमारे साथ आश्रम में ही रहता है। मंदिर की रखवाली में हमेशा तैनात रहता है।
उन्होंने बताया कि तीन महीने पहले चित्रकूट में परछछ आश्रम के संत अर्जुनदास से मुलाकात हुई थी। बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी भूरी (डॉगी) की शादी रचाने की बात कही। पहले तो मैंने मजाक माना। फिर उन्होंने गंभीरता से इस पर विचार करने को कहा।
वहीं हनुमान मंदिर के महंत अर्जुनदास ने बताया कि मैंने भूरी (डॉगी) को बचपन से पाला है। इसलिए मेरी इच्छा थी कि उसकी शादी की जाए। इसलिए यह ठाना है। अब दोनों की शादी होगी। जब इंसानों के बीच शादी का संयोग हो सकता है तो जानवरों के बीच क्यों नहीं। कल्लू और भूरी के शादी कार्यक्रम को देखने के लिए दूर–दराज के गांव से भी लोग पहुंचे हैं।
द्वारका दास महाराज एवं अर्जुन दास महाराज ने अपने शिष्यों, शुभचिंतकों को निमंत्रण कार्ड भेजकर विवाह समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया। बारात शिव मंदिर से गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई और सौंखर गांव की गलियों में धूमधाम से भ्रमण कर बारात परछछ के लिए रवाना हुई। वहीं बजरंगबली मंदिर के महंत ने बरात की भव्य अगवानी की और स्वागत सत्कार के बाद द्वारचार, चढ़ावा, भांवरों, कलेवा की रस्में पूरी कराकर बरात को धूमधाम के साथ ससम्मान विदा किया। दूल्हा दुल्हन को नए कपड़े पहनाए गए। साथ ही सोने चांदी के जेवरात भी उनके शरीर पर शोभायमान थे। बरातियों को कई तरह के व्यंजन तैयार कराए गए थे। यह शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। बारात में दोनों पक्षों की तरफ से करीब 500 लोग शामिल हुए।