उन्नाव, बीपी प्रतिनिधि। माखी कांड दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को शनिवार दिल्ली पुलिस ने न्यायालयों में पेश किया। आरोपी ने वकील के मुकदमा छोड़ने का हवाला देकर कोर्ट से समय मांगा।
मामले की सुनवाई कर रहे अपर जिला सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन व छह, एसीजेएम तीन न्यायालय ने अगली तारीख 28 अप्रैल तय कर दी। आरोपी पर मानहानि, हत्या के प्रयास फर्जी टीसी बनवाने का मामला, गलत सूचना देकर कब्र खोदवाने का मामला, पूर्व विधायक के खिलाफ आपत्तिजनक पर्चे बांटने, न्यायालय के दस्तावेजों में सफेदा लगाकर तथ्य छिपाने समेत छह मुकदमें विचाराधीन हैं। शनिवार को आरोपी को लेकर दिल्ली पुलिस 11.30 बजे न्यायालय भवन पहुंची। न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया कि पैरवी कर रहे वकील अशोक द्विवेदी ने केस लड़ने से मना कर दिया है। दूसरा वकील करने के लिए समय दिया जाए। इस पर न्यायालय ने पेशी के लिए 28 अप्रैल की तारीख दे दी।
इसके बाद पुलिस आरोपी को करीब ढाई बजे दिल्ली ले गई। इसके पहले शनिवार को दिल्ली पुलिस ने अपर जिला सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर छह में प्रार्थनापत्र देकर मांग की है कि आरोपी की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराई जाए। गर्मी का हवाला देते हुए न्यायालय से छूट मांगी गई है। फिलहाल न्यायालय ने इसे विचार के लिए अपने पास रख लिया है।
आरोपी के मुकदमों के साथ ही बार-बार वकील बदलने का मामला चर्चा में रहता है। आरोपी की तरफ से पैरवी के लिए छह से अधिक वकीलों से करार किया गया। बीते छह माह में आरोपी की तरफ से चार वकीलों को बदला जा चुका है।
दुष्कर्म पीड़िता के चाचा के न्यायालय में चल रहे मामलों में एक ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सजायाफ्ता पूर्व विधायक कुलदीप सिंह द्वारा दायर किया गया मानहानि का वाद लंबित है। अपर जिला जज कोर्ट नंबर छह के न्यायालय में विनोद मिश्र की तरफ से दर्ज कराये गये हत्या के प्रयास मामले की सुनवाई हो रही है। अपर जिला जज कोर्ट नंबर तीन के न्यायालय में पूर्व में दर्ज ट्रेन डकैती के मामले में दोष मुक्त होने के बाद सरकार की तरफ से हुई पुन: अपील का मामला विचाराधीन है। एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) तीन के न्यायालय में फर्जी टीसी बनवाने का मामला, गलत सूचना देकर कब्र खोदवाने का मामला, पूर्व विधायक के खिलाफ आपत्तिजनक पर्चे बांटने का मामला, न्यायालय के दस्तावेजों में सफेदा लगाकर तथ्य छिपाने का मामला, विद्यालय के प्रधानाचार्य व पूर्व विधायक द्वारा फर्जी टीसी बनाने के मामले में पुलिस द्वारा एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाने का मामला समेत छह मुकदमे चल रहे हैं।