असोहा/उन्नाव/अशोक तिवारी भाजपा सरकार की किसान हितैषी, तथा किसानों की आय दो गुना करने के दावे की पोल केवल सरकार के द्वारा स्थापित सरकारी गेंहू क्रय केंद्र खोलने के लिए काफी है। जहां पर आज तक एक दाना गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हो सकी है।
यह कोइ नयी या अबकी इस साल की बात नहीं है, पिछले वर्ष भी यही हालत थी, इसका कारण एक ही है कि, किसानों की खेती में लागत ज्यादा और रेट कम,गौर रहे कि अबकी बार हूं का सरकारी रेट 21,25पैसे है उसमें भी पल्लेदारी, रजिस्ट्रेशन सहित तमाम तामझाम और महीनों बाद बैंक में पैसा,और पैसा निकालने को बैंकों के चक्कर लगाना।
किसानों का कहना है कि ब्यापारी 21 रूपये में घर से तौल कराकर नगद पैसा देते हैं तो क्या फायदा सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर देने की, किसानों ने एक स्वर से कहा कि,चार महीने बाद यही गेहूं ब्यापारी गेहूं डंप कर 28,30 रूपये किलो बेचेगा तो किसानों की आय दो गुना हुयी कि ब्यापारियो की आय दो गुना हुयी।
फिल हाल जब सरकारी गेहूं क्रय केन्द्रो की हकीकत देखी गई तो केन्द्रो पर कांटा केन्द्र की शोभा बढ़ाता देखा गया। लेकिन सरकार के ऊपर इसका कोई असर नहीं है यह हकीकत है किसानों की आय दो गुनी करने की.