-असोहा क्षेत्र समिति की बैठक आज।
-18 को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा।
-प्रमुख के भविष्य को लेकर चर्चा गर्म।
पुरवा/असोहा-उन्नाव,अशोक तिवारी।असोहा ब्लाक की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे बीडीओ डॉ0 सन्तोष कुमार श्रीवास्तव का रवैय्या उनके पदानुरूप नहीं रहा। प्रमुख के आग्रह के बावजूद सदन की बैठक नहीं बुलाई नतीजा प्रकरण न्यायालय की चौखट तक पहुंच गया।खास यह कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले सदन की बैठक को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।बाद न्यायालय हस्तक्षेप प्रमुख के भविष्य को लेकर बहस में नया मोड़ आया है।
साल भर पहले हुये त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में
असोहा की प्रमुखी सपा ने जीती थी 77 सदस्यों वाले सदन में वीतेंद्र यादव को 45 मत मिले थे। बाद चुनाव से अबतक चर्चा यही कि असोहा सीट को लेकर उच्च स्तर पर एक गुप्त समझौता हुआ था।यहाँ यह बताना जरूरी है कि अर्से से सपा के कद्दावर लोगों में गिने जाते रहे युवा वीतेंद्र यादव ने विधान परिषद चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामचन्द्र प्रधान का खुलकर समर्थन किया था लोगों की मानें तो पहली बार ऐसा हुआ जब असोहा में सपा का बस्ता नहीं लगा।
सूत्रों की मानें तो तय यहाँ तक हुआ था कि समर्थन के बदले प्रमुखी बरकरार रखी जायेगी। उल्लेखनीय है कि बाद चुनाव सदन की बैठक बुलाई जाये बतौर अध्यक्ष वीतेंद्र यादव ने सचिव/बीडीओ डॉ0 सन्तोष कुमार श्रीवास्तव से कई बार मौखिक ही नहीं लिखित निर्देश दिये मगर बीडीओ ने हर बार अनसुनी की सदन बुलाने के लिए प्रमुख ने चिठ्ठी वार चलाया सम्बन्धितों को पत्र भेजे मगर नतीजा ढाक के तीन पात रहा।
इधर योगी सरकार 2 बनने के बाद प्रमुखी हारे आनन्द गुप्त ने जिलाधिकारी के समक्ष 62 सदस्यों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। बतातें चलें कि आगामी 18 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी इससे पूर्व न्यायालय के निर्देश पर आज सदन की बैठक बुलाई गई है लोगों की मानें तो सदन में भाग लेने वाले सदस्यों का संख्या बल प्रमुख का भविष्य तय करेगा।
प्रमुख का भविष्य तय करेगा सदन
पुरवा।शक्ति परीक्षण के दौर से गुजर रहे असोहा ब्लाक के क्षेत्र पंचायत सदस्यों को सदन से बाहर रोकने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहें हैं सूत्र बतातें है कि सत्ता की लाठी ब्लाक परिसर तक पहुंचने में बाधक बन रही है दूसरी तरफ प्रमुख का कहना है कि बहुमत उनके पास है।
सत्ता की लाठी रोक रही सदन का रास्ता
पुरवा। सत्ता के बलपर क्षेत्र पंचायत सदस्यों को रोका गया तो प्रमुख वीतेंद्र यादव एक बार फिर न्यायालय की शरण मे जाएंगे?सवाल हर आम और खास के जेहन में तैर रहा है।या फिर यदि सदन का कोरम पूरा होने व संख्या बल पर्याप्त होने पर 18 को होने वाले अविश्वास पर न्यायालय हस्तक्षेप करेगा? सवाल दर सवाल गूंज रहें हैं।हाल फिल हाल सबकी नजरें आज के शक्ति परीक्षण पर लगी हुई हैं।
भाजपा प्रत्याशी को समर्थन की मिली सजा
पुरवा।भाजपा प्रत्याशी का सनर्थन करने की सजा सपा ने वीतेंद्र यादव को दी उल्लेखनीय है कि राजनैतिक जीवन की शुरुवात समाजवादी पार्टी से करने वाले युवा वीतेंद्र यादव शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में चले गये थे मगर चुनाव से पहले वह सपा में पुनः शामिल हो गये थे सपा ने उन्हें ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी बनाया था।