स्टेट डेस्क/ बीपी टीम: एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कर्नाटक के हिजाब विवाद को यूपी के विधानसभा चुनाव में भी लेकर आ गए हैं। कल सम्भल जिले की एक चुनावी सभा में ओवैसी ने सवाल किया कि भाजपा सरकार हमारी बेटियों को हिजाब पहनकर पढ़ाई नहीं करने दे रही है लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी तीन तलाक कानून के साथ मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने की बात करते हैं। क्या यही उनकी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की पिच है?
कल यूपी के सम्भल व असमोली विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कहा कि कर्नाटक की सरकार ने हमारी बहनों के हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी है। वहां पर हमारे लोग सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा है कि कोई भी सरकार यह तय नहीं कर सकती है कि कोई क्या खाएगा और क्या पहनेगा।
ओवैसी उस विवाद का जिक्र कर रहे थे जो इस वर्ष जनवरी में कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कालेज में शुरू हुआ था, जब छह लड़कियों को हेडस्कार्फ पहने पर कैंपस छोड़ने के लिए कहा गया था। कल विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। यह मामला राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया है। ओवैसी ने कहा कि पीएम ने संसद में दो बार बात की लेकिन कर्नाटक की स्थिति का जिक्र नहीं किया। राष्ट्रीय आंकड़े बताते हैं कि तीन से 25 साल की उम्र की कई मुस्लिम लड़कियां कभी स्कूल नहीं गई हैं। पीएम उन लोगों के साथ ऐसा कर रहे हैं जो शिक्षित होने की कोशिश कर रहे हैं, क्या यह मजाक नहीं है?
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