मतदान की तैयारियां जोरों पर, दलों ने भी बिछायी बिसात
चुनाव डेस्क। यूपी के चुनाव में जाटलैंड कहे जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रत्याशियों की परीक्षा 10 और 14 फरवरी को पहले और दूसरे चरण के मतदान में होगी। कुल 113 सीटों पर मतदान होना जिसमें 58 सीटों पर 10 फरवरी को तथा बाकी पर 14 फरवरी को मतदान होगा।
58 सीटों पर चुनाव प्रचार शांत हो चुका है जबकि 55 सीटों पर प्रचार जोरों पर है। अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ कैराना और मुजफ्फरनगर में जाकर सपा सरकार में हुए दंगों और बिगड़ी कानून व्यवस्था को याद ही नहीं दिला रहे हैं बल्कि बहुत आक्रामकता के साथ ‘गर्मी शांत करने’ का ऐलान कर रहे हैं। जाहिर है, जयंत चौधरी और अखिलेश यादव उन पर जवाबी हमला कर रहे हैं। जयंत और अखिलेश यादव के साथ भारी जनसमर्थन दिख रहा है।
पिछले साल हुए किसान आंदोलन के प्रति मोदी सरकार की बेरहमी, आवारा पशुओं की समस्या और महंगाई-बेरोजगारी जैसे मुद्दों के कारण किसानों-नौजवानों में भाजपा के प्रति बहुत गुस्सा है। जयंत और अखिलेश द्वारा योगी आदित्यनाथ पर किए जा रहे पलटवार से आरएलडी और सपा के समर्थक-कार्यकर्ता अति उत्साहित हैं। भाजपा के प्रत्याशी, मंत्री और विधायकों का पश्चिमी यूपी के गांवों में जाना और प्रचार करना मुश्किल हो रहा है। आरएलडी के कार्यकर्ता भाजपा नेताओं को खदेड़कर भगा रहे हैं। इस तरह के तमाम वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।
सपा के कार्यकर्ता और समर्थक भी बड़े जोश के साथ ऐसे वीडियो ‘खदेड़ा होबै’ टैग के साथ शेयर कर रहे हैं। यह जारी है। सपा के कार्यकर्ताओं के इस व्यवहार से आम जनमानस में बहुत सकारात्मक संदेश नहीं जा रहा है। योगी आदित्यनाथ और अमित शाह द्वारा सपा पर लगाए जा रहे दबंगई के आरोपों को ऐसे वीडियो हवा दे रहे हैं। गैर जाट और गैर यादव समाज में इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। क्या इसका राजनीतिक लाभ भाजपा को मिलेगा? दरअसल, भाजपा की यही रणनीति थी कि मीडिया और भाषणों के सहारे चुनाव को भाजपा और सपा के बीच दो ध्रुवीय बनाया जाए. फिर सपा पर दबंगई और मुस्लिमपरस्ती के आरोप लगाकर लोगों को सपा के साथ जाने से डराया जाए। तीसरा विकल्प नहीं होने की स्थिति में भाजपा से नाराज गैर यादव मतदाता उसकी ओर लौटने के लिए मजबूर होंगे।
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