DESK : लखनऊ में शनिवार को बसपा प्रमुख मायावती के नेतृत्व में पार्टी की बैठक हुई. इस बैठक में सभी जिलों से पदाधिकारी बैठक में मौजूद रहे. इस दौरान निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव पर चर्चा हुई. इस बैठक के दौरान बसपा सुप्रीमो ने आगामी चुनावों को लेकर निर्देश दिए हैं. मायावती ने पदाधिकारियों को चुनाव की जिम्मेदारी देते हुए, संगठन के पुनर्गठन के लिए भी जिम्मेदारी दी. इस दौरान मायावती ने कहा, “बीएसपी धन्नासेठों की पार्टी नहीं है. नेता अपने क्षेत्र में छोटी-छोटी बैठक करके जनता को जोड़ें. वे निष्ठा के साथ पार्टी में काम करें.” मायावती ने आगामी निकाय चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन में पुनर्गठन के बाद वरिष्ठ लोगों को नई जिम्मेदारी दी. इसके अलावा पार्टी पदाधिकारियों को पूरी मुस्तैदी के साथ चुनाव लड़ने के निर्देश दिए.
मायावती ने सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को तेजी से बढ़ाकर बीजेपी का सही और सार्थक विकल्प बनने के लिए कहा है. उन्होंने पार्टी के मिशनरी कार्यों के लिए छोटी-छोटी कैडर मीटिंग करने पर जोर दिया. साथ ही मायावती ने कहा कि बीजेपी को सत्ता सौंप कर अच्छे दिन पाने का लोगों का अनुभव काफी खराब और लोग इससे दुखी हैं.
मायावती ने कहा कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, हिंसा, तनाव से ध्यान बांटने के लिए ही आरएसएस अब जनसंख्या नीति और धर्मांतरण का बेसुरा राग अलाप रहा है. यह बीजेपी सरकार की विफलता से ध्यान हटाने की सोची समझी रणनीति है. मायावती ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं. इसके अलावा मायावती ने विशेष सदस्यता अभियान की प्रगति रिपोर्ट ली.
इसके साथ ही निकाय चुनाव के मद्देनजर फिलहाल सदस्यता अभियान को स्थगित रखने के निर्देश दिए हैं. मायावती ने अपने जन्म दिवस 15 जनवरी को लेकर भी निर्देश दिए हैं. पार्टी के लोगों को कीमती उपहार तोहफे लेकर आने पर पाबंदी लगाई है. उन्होंने कहा कि पार्टी और मूवमेंट के हित में हमेशा की तरह सीधे तौर पर आर्थिक सहयोग देना बेहतर होगा. जिससे चुनाव में खर्च की भरपाई की जा सके.