स्टेट डेस्क/ लखनऊ। प्रदेश में अब स्थानांतरण की अवधि भी समाप्त हो गई है। योगी कैबिनेट ने बीती 14 जून को तबादला नीति 2022-23 को मंजूरी दी थी, जिसके तहत 30 जून तक तबादले होने थे। इस दौरान कई विभाग में तबादलों को लेकर विवाद के बाद अब स्थानांतरण अवधि समाप्त हो गई है।

सीएम ने तबादलों को लेकर हुई किरकिरी के बाद अब कमान अपने हाथ में ले ली है। पहले प्रदेश में समूह ग तथा घ के तबादले विशेष परिस्थिति में विभागीय मंत्री तथा शासन से भी हो जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब समूह क से लेकर घ तक के किसी भी कर्मी के स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन अनिवार्य होगा।
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अनुमति के बाद ही किसी भी कर्मचारी या अधिकारी का ट्रांसफर हो सकेगा। प्रदेश में ट्रांसफर की अवधि समाप्त होने के बाद भी पहले तो वर्ग ए तथा बी के तबादले के लिए ही मुख्यमंत्री से अनुमोदन की जरूरत पड़ती थी। इस बार तो समूह ग तथा घ के किसी भी कर्मचारी के तबादले के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन अनिवार्य कर दिया गया है। मंगलवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने शासनादेश भी जारी कर कहा कि प्रदेश में स्थानांतरण की अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी कर्मचारी के तबादले के लिए मुख्यमंत्री का अनुमोदन जरूरी होगा।
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