लखनऊ/स्टेट डेस्क। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव पर नवोन्वेषी कृषि पर आयोजित कार्यशाला में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए। उन्होंने किसानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि सूबे में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। कार्यशाला का आयोजन नीति आयोग ने किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा उत्तर प्रदेश के हिस्से में देश की उपजाऊ भूमि का सर्वाधिक हिस्सा आता है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि गत वर्ष प्रदेश ने 619 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न का उत्पादन कर देश में सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन करने वाले राज्य का दर्जा प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में सभी 18 मंडलों में मिट्टी टेस्टिंग लैब स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह खुशी की बात है।
उन्होंने यह भी कहा कि मंडी में खाद्यान्न के लिए भी अलग से व्यवस्था बनाकर किसान भाइयों को इसका उचित मूल्य दिलाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे में प्राकृतिक खेती के अनाज की ब्रांडिंग होगी।
उन्होंने कहा कि हम बुंदेलखंड में प्राकृतिक (आर्गेनिक) खेती को बढ़ावा देने का अतिरिक्त प्रयास करेंगे। इसके लिए सब्सिडी की व्यवस्था भी की जा रही है।
कार्यशाला में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने बड़ी संख्या में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए हमने उत्तर प्रदेश के 1038 गांवों में प्रशिक्षण कैंप भी लगाए हैं। इनमें तकरीबन 56 हजार किसानों को प्रशिक्षण ट्रेनिंग भी दी गई। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने प्राकृतिक खेती करने वालों को सब्सिडी देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से कृषकों को ज्यादा लाभ मिल सकता है।
प्राकृतिक तौर पर खेती करने में किसानों को कम लागत में ज्यादा कमाई होगी। बाजार में अच्छा मूल्य मिलने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सूबे की सरकार कृषि क्षेत्र को आधुनिक और नवोन्मेषी बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। प्राकृतिक खेती के जरिए किसानों की आय बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है।