देश के विभिन्न प्रांत में रचे बसे बारी समाज के सदस्यों द्वारा वीर रूपन बारी की जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई
DESK : देश के विभिन्न प्रांत के अलग अलग स्थानों पर ऐतिहासिक वीर पुरूष वीर शिरोमणी रूपन बारी की जयंती बारी समाज के सदस्यों द्वारा धूम-धाम के साथ मनाई गई। देर रात तक वीर रूपन बारी की जयंती मनाए जाने का सिल सिला जारी रहा। इसी क्रम में अखिल भारतीय बारी संघ युवा प्रकोष्ठ के बैनर तले बाराणसी में रूपन बारी की जयंती मनाई मनाई। अखिल भारतीय बारी संघ के महासचिव त्रिलोकी प्रसाद एवं अभाबासं युवा प्रकोष्ठ के महासचिव सत्येन्द्र कुमार बारी उर्फ बिनू द्वारा रूपन बारी की याद में चंदौली स्थित दलित बस्ती में बच्चे बच्चियों के बीच पठन पाठन सामग्री एवं मिठाई का वितरण किया गया।
अखिल भारतीय बारी संघ की जिला इकाई बाराणसी के बैनर तले जर्नादन प्रसाद, मनबोध प्रसाद व अनिल कुमार, उत्तर प्रदेश बारी समाज की जिला इकाई चंदौली के सौजन्य से गुत्तेश्वर प्रसाद, सूर्यबंशी बारी समाज मुंबई महाराष्टरा, बिहार के बक्सर जिलान्र्तगत डुमरांव मंें पत्रकार अरूण कुमार विक्रांत, दिल्ली राज्य बारी संघ के सौजन्य से ओंकार राम बारी, अभाबासं की जिला इकाई भदोही, अखिल भारतीय बारी संघ के मिर्जापुर जिला इकाई के सौजन्य से दिलीप कुमार, झारखंड राज्य बारी संघ के बैनर तले रांची में ब्रजेश प्रसाद बारी, बिहार राज्य बारी संघ के बैनर तले पटना में शिवशंकर प्रसाद, मध्यप्रदेश के जबलपुर में राजेश वर्मा, सतना में मनोज कुमार, उत्तर प्रदेश के बलिया मे संजय कुमार, उत्तर प्रदेश के ज्ञानपुर में वीर रूपन की जयंती संकल्प दिवस के रूप में आशिष रावत व आलोक रावत, रायबरेली में बारी समाज के लोगो द्वारा वीर शिरोमणी रूपन बारी की जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई।
वहीं कई अन्य स्थानों पर ऐतिहासिक वीर पुरूष वीर रूपन बारी की जयंती समारोह पूर्वक हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। उधर अखिल भारतीय बारी संघ के महामंत्री अधिवक्ता त्रिलोकी प्रसाद व युवा प्रकोष्ठ के सत्येन्द्र कुमार उर्फ बीनू नें वीर रूपन बारी की जयंती पर बारी समुदाय के विभिन्न संगठनों के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया है।
संघ के महामंत्री श्री प्रसाद ने वीर रूपन बारी के ऐतिहासिक कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि वीर रूपन बारी का कृतित्व इतिहास के सुनहरे पन्ने में अकिंत है। बिहार के विद्धान अधिवक्ता व अखिल भारतीय बारी संघ के उपाध्यक्ष जनता दल यू के नेंता भाई रामधनी भारती ने वीर रूपन बारी को याद करते हुए कहा कि वीर रूपन बारी ने अपनी जाति समुदाय के बूते अपनी पहचान नहीं बनाई है। बल्कि खुद के द्वारा किए गए कर्मो के बूते अपनी पहचान व पूज्नीय स्थान बनाने का काम किया है। उनके जीवनी से सबक लेने की जरूरत है।