कानपुर, बीपी प्रतिनिधि। यह तो कानपुर पुलिस ही कर सकती थी। और किया भी जिस हेड कांस्टेबल को अभी चार दिन पहले लाइन हाजिर किया गया वह भी वसूली के मामले में उसे ही स्वतंत्रता दिवस पर प्रशस्तिपत्र दे दिया गया। शहर के नए कमिश्नर के हस्ताक्षर से जारी इस प्रशस्तिपत्र के बारे में बात करने पर आला अफसर कहते हैं कि पुरस्कार की घोषणा पहले हो गई थी। इसलिए यह गलती हुई।
लाख टके का सवाल यह है कि नए कमिश्नर बीपी जोगदंड को आए तो अभी ज्यादा समय नहीं हुआ। ऐसे में क्या इस गलती को रोका नहीं जा सकता था। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर प्रशस्तिपत्र देकर इस दागी कांस्टेबल को सम्मानित किया है।
घटनाक्रम के मुताबिक कर्नलगंज निवासी चूड़ी कारोबारी लियाकत 26 जुलाई को घर पर दोस्त बबलू, सीबू और सलमान के साथ ताश खेल रहे थे। इस दौरान कर्नलगंज थाने के हेड कांस्टेबल प्रदीप सिंह, सिपाही बलवेद्र पाल, श्याम सिंह और धीरेंद्र मौके पर पहुंच गए। इन लोगों ने उन्हें छोड़ने के बदले एक लाख रुपए की मांग की।
लियाकत ने असमर्थता जताई तो नई सड़क बवाल मामले में जेल भेजने की धमकी दी गई। तय तोड़ के बाद 40 हजार रुपए वसूलकर उन्हें छोड़ दिया था। कारोबारी की शिकायत पर संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने जांच के आदेश दिए थे प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर हेड कांस्टेबल समेत चार सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। मामले की जांच एसीपी सीसामऊ निशांक शर्मा कर रहे हैं।
वसूली के आरोप में लाइन हाजिर चल रहे प्रदीप सिंह को रविवार को आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर पुलिस लाइन में सम्मानित किया गया। इस मौके पर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड समेत आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। इस बारे में जब संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुरस्कारों की घोषणा काफी पहले हो गई थी। प्रदीप को बाद में लाइन हाजिर किया गया है। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी।