जेंडर बराबरी के लिए महिलाएं आज भी कर रही हैं संघर्ष : डॉ. रमाकांत देसाई

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लखनऊ/बीपी प्रतिनिधि। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर युवाओं के बीच इस दिन के महत्व को दर्शाने के लिए लेखक और निर्देशक विपिन अग्निहोत्री ने सेमिनार “आने वाला कल” का आयोजन किया। इस सेमिनार में 70 से ज्यादा स्कूली छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

सेमिनार में विपिन अग्निहोत्री ने बताया कि इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम है ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी आज लैंगिक बराबरी एक स्थायी कल के लिए जरूरी है। मुख्य अतिथि डॉक्टर रमाकांत देसाई के मुताबिक जेंडर बराबरी के लिए महिलाएं एक लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं, लेकिन हक़ीकत यही है कि आज भी देश-विदेश में उन्हें समाज में अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर ही उतरना पड़ता है।

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