UP, State Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन एक्सपो मार्ट में विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं.आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है. डेयरी सेक्टर दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं. आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत में 8 करोड़ से अधिक परिवार डेयरी क्षेत्र से अपनी आजीविका कमाते हैं. डेयरी सहकारी समितियां देश के 2 लाख गांवों से उत्पाद एकत्र करती हैं, और उपभोक्ताओं से प्राप्त कुल राजस्व का 70 फीसदी सीधे किसानों को जाता है. इस पूरी प्रकिया में बीच में कोई मिडिल मैन नहीं होता, और ग्राहकों से जो पैसा मिलता है, उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा किसानों की जेब में ही जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि ये सम्मेलन विचार, तकनीक, विशेषज्ञता और डेयरी क्षेत्र से जुड़ी परंपराओं के स्तर पर एक दूसरे की जानकारी बढ़ाने और सीखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी. आज भारत में डेयरी सहकारी का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है. पीएम ने कहा कि ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती है.
पीएम के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 50 देशों के मेहमान और 800 किसानों समेत 1500 प्रतिनिधि शामिल होंगे. “वर्ल्ड डेयरी समिट” का आयोजन आज यानी 12 सितंबर से 15 सितंबर तक किया जाना है. इसकी थीम “पोषण और आजीविका के लिए डेयरी” विषय पर केंद्रित है.
इंडिया एक्सपो मार्ट में होने वाले कार्यक्रम में देसी गाय-भैंस के पुतले लगाए गए हैं. यह देखने में हूबहू गाय-भैंस ही लगते हैं. नोएडा में 12 से 15 सितंबर तक होने वाले सम्मेलन में 50 देशों के 1433 प्रतिभागियों ने नामांकन किया है. इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, न्यूजीलैंड और बेल्जियम से बड़ी संख्या में पंजीकरण हुए हैं. ये समिट ‘पोषण और आजीविका’ के लिए डेयरी’ विषय पर केंद्रित है.
1903 में इस समिट की परंपरा शुरू हुई थी. इसके 71 साल बाद 1974 में भारत को मेजबानी करने का मौका मिला था. इस बार यह समिट दूसरी बार इंडिया में होने जा रही है. यह आयोजन दुनिया भर के डेयरी उद्योगों, विशेषज्ञों, किसानों और नीति निर्माण करने वाले लोगों से जुड़ा है. यहां भविष्य की रणनीति और योजनाओं पर बातचीत के जरिए कई बेहतर हल निकलने की संभावना है.इस आय़ोजन में भारत के 700-800 किसान भी शामिल होने वाले हैं. इस एग्जीबिशन में अमूल, मदर डेयरी, नंदिनी जैसी प्रमुख दूध उत्पादक कंपनियों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं. वर्ल्ड डेयरी समिट को कुल 41 दूध कंपनियां स्पांसर कर रही हैं.
कार्बन न्यूट्रल होगी समिट
इस समिट कार्बन न्यूट्रल होगी. यहां किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होगा.
पूरे कार्यक्रम स्थल की पावर सप्लाई सोलर एनर्जी से होगी.
कॉफी, चाय, पानी समेत किसी भी खान-पान की चीज में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा.
अतिथियों और डेलिगेट्स को कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल लगाए गए हैं.