बड़ी खबर : कानपुर में ब्लड बैंक में बचा 1 दिन का स्टॉक, सीएमओ ने की ब्लड डोनेट करने की अपील

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कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। कानपुर जिले में रोगियों को रक्त की कमी से जूझना पड़ रहा है। वजह जिले के अस्पतालों और ब्लड बैंकों में खून की भारी कमी हो गई है। यूं तो यह कमी हर साल गर्मी में बढ़ जाती है पर इस साल मामला ज्यादा गंभीर है। सीएमओ ने शहर के लोगों और रक्तदान शिविर लगाने वाली संस्थाओं से आगे आने और ब्लड डोनेट करने की अपील की है।

जिले के हर ब्लड बैंक में है खून की कमी।

समस्या सचमुच विकराल है, क्योंकि कानपुर और आसपास के कई जिलों जैसे हमीरपुर, उन्नाव, कन्नौज, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा, छिबरामऊ, रायबरेली, फतेहपुर, जालौन, औरैया, कानपुर देहात, अमेठी, प्रयागराज, बांगरमऊ से रोगी जिला अस्पताल और उर्सला इलाज कराने के लिए आते हैं। इन जिलों में रोगियों के गंभीर होने पर इन्हें कानपुर रेफर भी किया जाता है। इन जिलों की सीएचसी भी रोगियों को सीधे हैलट भेज दिया जाता है।

इस समय सबसे अधिक संकट एबी पॉजिटिव और नेगेटिव ब्लड ग्रुप का है।  दोनों ब्लड ग्रुप में एबी पॉजिटिव ब्लड की 69 यूनिट ही कुल बैंक में बची हुई है। इसके अलावा रेगुलर ब्लड ग्रुप भी काफी कम बचा है। हैलट के पं. दीनदयाल ब्लड बैंक में रेयर ग्रुप की बात की जाए तो मंगलवार 5:30 बजे तक सिर्फ 139 यूनिट ब्लड बचा था।

वहीं, उर्सला ब्लड बैंक में 174 यूनिट ब्लड ही उपलब्ध था। इसमें निगेटिव ग्रुप वाले रक्त की सबसे ज्यादा कमी है। फिलहाल हालत यह है कि थैलेसीमिक व बेहद जरूरतमंद मरीजों को ही रक्त दिया जा रहा है।

चंद रोज पहले ही एलएलआर ब्लड बैंक की नोडल अधिकारी डॉ. लुबना खान ने इस बारे में बिफोरप्रिंट को दिए एक साक्षात्कार में इस स्थित के प्रति आशंका जताई थी। डॉ. लुबना खान ने बताया कि वैसे तो हमारे पास ब्लड की ऐसी किल्लत नहीं होती थी, लेकिन कोरोना के कारण पिछले दो सालों से दिक्कत काफी बढ़ गई है। इस साल तो मार्च से ही इतनी गर्मी पड़ने लगी कि स्वैच्छिक रक्तदान की काफी कमी हो गई। ब्लड बैंक के कैम्पों में ज्यादातर लोग गर्मी के कारण नहीं पहुंच रहे है।

वक्त का हर क्षण, रक्त का हर कण बहुमूल्य है। यह बात तो आप भी मानते होंगे। पर इन दिनों दीनदयाल उपाध्याय ब्लड बैंक खून की कमी की वजह से मरीजों को बचाने में बहुत कठिनाई महसूस कर रहा है। आईएमए का चैरिटेबल ब्लड बैंक भी कुछ ऐसी ही दिक्कतों से गुजर रहा है।

जीएसवीएम कॉलेज के ब्लड बैंक की नोडल अधिकारी डॉ. लुबना खान ने कानपुराइट्स से ब्लड डोनेट करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, गर्मी के दिनों में रक्त कोष में खून की कमी हो जाती है। अगर शहर के सभी लोग रक्त दान के लिए आगे आएं तो कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया के मरीजों को नियमित तौर पर रक्त चढ़ाना पड़ता है। वहीं एक्सीडेंट में घायलों, किडनी और कैंसर के रोगियों के अलावा कई बार नवप्रसुता माँ को खून की जरूरत पड़ती है।

कायदे से होना चाहिए 700 यूनिट का स्टाक है 139 यूनिट

डॉ. लुबना खान ने जानकारी दी कि उनके ब्लड बैंक में फिलहाल रेयर ग्रुप का सिर्फ 139 यूनिट ही ब्लड बचा है। जो कि नियमानुसार 700 यूनिट होना चाहिए। हर साल अगस्त से अक्टूबर के बीच यह स्टाक 1400 से 1500 यूनिट तक हो जाता है तो यहां से अन्य जिलों को भी आपूर्ति की जाती है। आगरा मेडिकल कॉलेज और रेड क्रॉस सोसाइटी से संपर्क किया है, वहां से मदद की उम्मीद है।

सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने शहर वासियों और समाजसेवी संस्थाओं से अपील की है कि बैंक को रक्त की सख्त जरूरत है। ऐसे में शहरियों और संस्थाओं का सरकारी अस्पतालों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। ताकि जरूरतमंदों की जिंदगी बचाई जा सके।