वाराणसी : बारी वंश के नाज युवा सत्येन्द्र उर्फ बीनू ने पिछड़ा वर्ग को जागरूक करने को उठाया बीड़ा…ज्ञान शील एकता को आत्मसात करने वाले युवक की सत्येन्द्र की चैतरफा गूंज…

बक्सर

डेस्क/विक्रांतः बाल्य काल से ज्ञान शील व एकता को आत्मसात करने वाले उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य सत्येन्द्र कुमार बारी उर्फ बीनू ने समग्र भारत में पिछड़ा वर्ग के लोागों को राजनीतिक व संास्कृतिक रूप से जागरूक करने को बीड़ा उठाया है। पीड़ित मानवता की सेवा को सर्वोच्च स्थान देने वाले सत्येन्द्र कुमार बारी उर्फ बीनू को शिक्षा जगत, राजनीतिक गलियारें के अलावा कला व संस्कृति के क्षेत्र में काफी अदब से नाम लिया जाता है।

बीस साल के अंदर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से लेकर संघ के विभिन्न अनुशांगिक संगठनों में कार्य करते हुए अपने कार्यशैली के बूते दिग्गजों के बीच एक अलग पहचान बनाने वाले सत्येन्द्र बारी की उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में इन दिनों हर तरफ गूंज सुनाई पड़ती है। संघ से जुड़े रहने वाले सत्येन्द्र बारी सर्व विश्व हिंदू परिषद के अंर्तराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के संपर्क में आने के बाद पूर्णकालिक स्वयंसेवक की भूमिका निभाने लगे।

उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य(राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त) सत्येन्द्र कुमार उर्फ बीनू बताते है कि उनका लक्ष्य दल बल व छल से इत्तर पूरे भारत वर्ष के पिछड़े समुदाय के लोगों के बीच पहुंच कर उन्हें चेतनशील बनाना है। बकौल आयोग के सदस्य सत्येन्द्र कुमार बारी वे अब तक करीब 8 लाख किलो मीटर की सड़क यात्रा कर चुके है। मन में एक ही लालसा है। बारी जाति सहित पिछड़ा वर्ग के खोए हुए सम्मान को वापस लाना है।

ईश्वर ने उन्हें सहयोग प्रदान किया है। सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याण कारी योजनाओं के माध्यम से पिछड़ा वर्ग के लोगों का कल्याण करना है। इस कार्य के निमित यात्रा नित्य जारी है। जीवन वृतःउत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के बैबीरपुर निवासी ब्रम्हदेव जी एवं माता सुषमा देवी के एकलौता बेटा सत्येन्द्र कुमार बारी उर्फ बीनू का जन्म 3 फरवरी, वर्ष 1987 को हुआ था। वाराणसी स्थित प्रख्यात विश्वविद्यालय बीएचयू के स्नातक की शिक्षा ग्रहण की।

बाद में एचआर टेªड से एमबीए की उच्च शिक्षा ग्रहण की। अपनी मेधा के बूते सरकारी नौकरी पा लिया। पर सत्येन्द्र कुमार बारी उर्फ बीनू के दिलो दीमाग में बाल्य काल से पीड़ित मानवता की सेवा करने की ललक थी। बीनू ने चंद ही दिनों के बाद सरकारी नौकरी से इस्तिफा दे दिया। सामान्य तौर पर शिक्षाविद्ों के बीच रहकर सकून व उर्जावान महसूस करने वाले सत्येन्द्र कुमार उर्फ बीनू ने बाराणसी क्षेत्र के रामनगर में श्रीराम अकादमी नामक विद्यालय की स्थापना करते हुए जनसरोकार से जुड़े रहे।

निरंतर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व उनके अनुशांगिक संगठनों में यथा विश्व हिंदू परिषद, एकल विद्या अभियान एवं जागरण विभाग जैसे संगठनों में कार्य करते रहे। करीब बीस सालों से जनसरोकार के कार्य से जुड़े रहने वाले समर्पित कार्यकर्ता सत्येन्द्र कुमार बारी उर्फ बीनू पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी की नजर पड़ गई और उन्होनें बीनू को उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य मनोनित कर डाला। फिर क्या था।

युवक बीनू का कारवां गांव-गांव सरपट दौड़ पड़ा। इन दिनों समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य सत्येन्द्र कुमार बारी प्रायः दिखाई पड़ते है। अखिल भारतीय बारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह अधिवक्ता त्रिलोकी प्रसाद बारी, बिहार राज्य बारी संघ के संरक्षक सह बिहार प्रदेश जनता दल यू पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष पेशे से

अधिवक्ता रामधनी भारती, झारखंड प्रदेश बारी संघ के अध्यक्ष बृजेश प्रसाद, कोयलांचल के विद्वान पेशेे से शिक्षक चंद्रमा प्रसाद, रांची के मदन प्रसाद कहते है कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने सत्येन्द्र कुमार बारी उर्फ बीनू को सही दायित्व सौंपा है। इस नेक कार्य के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बधाई के पात्र है।

हाला कि युवा सत्येन्द्र बारी का त्याग,समर्पण व कठिन मिहनत एक दिन पूरे देश में रंग लाएगा। पिछड़ा वर्ग के युवको के लिए सत्येन्द्र बारी एक प्रेरक है। आगे बारी वंश के प्रबुद्धजनों ने सत्येन्द्र कुमार उर्फ बीनू की जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई दी है।