500 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा प्रणाली को स्थापित करने के लिए निकली है निविदा

2 हजार मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की नई परियोजना की स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र
पटना, डेस्क। ऊर्जा भंडारण के विकास में बिहार ने महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य में 2 हजार 500 मेगावाट ऑवर ऊर्जा भंडारण प्रणाली को विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। इसमें 500 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को विकसित करने से संबंधित निविदा निकाली गई है।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने फिलहाल 2000 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को स्थापित करने से संबंधित सहयोग लेने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करके उन्हें पत्र सौंपा है।
ऊर्जा मंत्री श्री यादव ने बताया है कि बिहार में इससे पहले लखीसराय के कजरा में 301 मेगावाट की दो बड़ी सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं के साथ कुल 495 मेगावाट ऑवर क्षमता की देश की सबसे बड़ी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के विकास पर कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
राज्य में 500 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजना से राज्य में बढ़ती बिजली की मांग विशेषकर पीक ऑवर के दौरान मांग को पूरा करने में सहायता मिलेगी।
राज्य में तेजी से बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करते हुए लोगों को सस्ती बिजली मुहैया कराने की दिशा में ऊर्जा विभाग ने विद्युत भंडारण प्रणाली के विकास के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की यह पहल माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का प्रतिफल है, जिसके माध्यम से हम आज राज्य के लोगों को न केवल सूर्यास्त के बाद भी निर्बाध बिजली उपलब्ध कराएंगे, बल्कि उन्हें सस्ती बिजली देकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सफल होंगे।
बिहार सरकार ने बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के विकास की महता को उच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य के ग्रिड उप–केन्द्रों की जमीन पर 500 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की परियोजना स्वीकृति दी गई, जिसके उपरांत इसके कार्यान्वयन एजेन्सी के चयन के लिए निविदा भी निकाल दी गई है।
इस परियोजना के लिए आयोजित निविदा पूर्व बैठक में देश की 12 बड़ी कंपनियों ने भाग लिया और इन्होंने परियोजना के कार्यान्वयन में अपनी अभिरुचि जताई। इन कंपनियों की फेहरिस्त में टाटा पॉवर, जेएसडब्लू इनर्जी, स्नाईडर इलेक्ट्रिक, अवाडा कंपनी तथा पेस पावर प्रमुख है। यह परियोजना टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से कार्यान्वित कराई जाएगी।
इस प्रक्रिया से परियोजना कार्यान्वयन से न केवल भंडारित बिजली की दर काफी सस्ता होगा बल्कि, परियोजना निर्माण कार्य भी अत्यंत कम समय में पूर्ण किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के निर्माण में राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी नहीं आयेगा।
इस परियोजना के लिए कुल लागत का अधिकतम 30 प्रतिशत अथवा 27 लाख रुपये प्रति मेगावाट आवर केन्द्र सरकार के स्तर से Vibility Gap Funding Scheme के स्तर से उपलब्ध कराया जाएगा। शेष 70 फीसदी राशि का वहन भंडारण प्रणाली विकासकर्ता एजेंसी के स्तर से किया जाएगा। इस परियोजना को स्थापित करने के पहले चरण में राज्य के कुल चिन्हित 16 ग्रिड उपकेन्द्रों में उपलब्ध खाली जमीन पर किया जाएगा, ताकि भंडारित बिजली का दर अधिक नहीं हो।
प्रथम चरण में चिन्हित ग्रिड उपकेन्द्रों में परियोजना कार्यान्वयन के लिए विकासकर्ता एजेन्सियों को 500 मेगावाट आवर के लिए कुल 135 करोड़ रुपये 5 किस्तों में दी जायेगी। परियोजना को पूर्ण करने की अवधि 18 महीने है।
संबंधित एजेन्सियों को परियोजना पूर्ण होने के उपरांत कम से कम अगले 12 वर्षों तक संचालन एवं भंडारण का एकरारनामा किया जाएगा। बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजना से बिहार को पीक ऑवर में बिजली की मांग की आपूर्ति के लिए सहायता प्राप्त होगी। इसके तहत दिन में उपलब्ध अतिरिक्त बिजली को इस नई प्रणाली से भंडारित किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि पीक ऑवर के दौरान बिजली खरीदने में इसकी कीमत काफी अधिक होती है, जिसके कारण विद्युत वितरण कंपनियों को महंगे दर पर बिजली उपलब्ध कराना पड़ता है। इस कारण इस परियोजना से न सिर्फ पीक आवर में सूर्यास्त के बाद भी बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली भी मिलेगी। इस परियोजना से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्रय के लिए निर्धारित मात्रा की बाध्यता (Renewable Purchase Obligation) की पूर्ति करने में सफलता मिलेगी।
गौरतलब है कि बिहार में सौर ऊर्जा की उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर नई परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। अबतक राज्य में 1920 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्धता सुनिश्चित हो चुकी है। ऐसे में इस परियोजना के तहत बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का विकास न केवल राज्य के लोगों को बिजली उपलब्ध में सुविधा होगी, बल्कि वितरण कंपनियां को भी वित्तीय लाभ होगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में त्वरित सहयोग दे माननीय ऊर्जा मंत्री श्री यादव ने केन्द्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है।