डुमरांव : एसडीओ नें कृषि कालेज के जमीन की चारदिवारी निर्माण की समस्या का निकाला हल

बक्सर

एसडीओ कुमार पंकज द्वारा आहूत बैठक में कृषि कालेज के प्राचार्य सहित आपतिकर्ता ग्रामीण रहे शामिल

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बक्सर,विक्रांत। एसडीओ कुमार पंकज के हस्तक्षेप के बाद डुमरांव के हरियाणा फार्म स्थित कृषि कालेज के एक सौ एकड़ जमीन की चहारदीवारी निर्माण में आड़े आ रहे बाधा का सर्वमान्य हल निकाला गया। इसी कड़ी में सोमवार को एसडीओ कुमार पंकज द्वारा कृषि कालेज प्रबंधन व बंझू डेरा गांव के कुछ आपति कर्ता ग्रामीणों की एक बैठक आहूत की गई।

मौके पर एसडीओ द्वारा जमीन के विवाद से संबधित मामले को लेकर दोनांे पक्षो की बात व दलीलों को सुनने के बाद सर्वमान्य हल निकाला गया। इस मौके पर कृषि कालेज के प्राचार्य डा.रियाज अहमद, वैज्ञानिक डा.बिनोद कुमार सिंह, नंदन पंचायत के मुखिया रामजी सिंह यादव, बंझू डेरा गांव के संतोष कुमार सिंह एवं हरेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।

एसडीओ कुमार पंकज ने बताया कि कृषि कालेज की जमीन की चहारदीवारी निर्माण का मामला काफी दिनों से लटका हुआ था। निर्माण कार्य बाधित सा हो गया था। बैठक के दरम्यान सर्वमान्य हल निकाल गया। दोनों पक्ष संतुष्ट हो गए। विवादास्पद स्थल के पास का चहारदीवारी निर्माण कार्य मंगलवार से शुरू हो जाएगा।
बता दें,हरियाणा फार्म द्वारा कृषि कालेज को प्रदत करीब एक सौ एकड़ जमीन पर सरकार द्वारा विभिन्न शोध संस्थान खोले जाने की योजना प्रक्रियाधिन है।

गत दिनों बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा.अरूण कुमार नें विश्वविद्यालय के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जमीन की चहारदीवारी निर्माण कार्य का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दरम्यान कुलपति ने प्राचार्य डा.रियाज अहमद को प्रशासन के सहयोग से निर्माण कार्य में आड़े आने वाली बाधा को समाप्त कराए जाने को निर्देशित किया था। डुमरंाव स्थित हरियाणा फार्म की एक सौ एकड़ जमीन पर विभिन्न शोध कार्य के लिए भवनों का निर्माण हो चुका है।

जमीन की एक तिहाई भाग के चहारदीवारी निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। वहां जल्द ही नीलगाय को पालतू जानवर बनाए जाने को लेकर अनुसंधान केन्द्र खोले जाने की तैयारियां जारी है। सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अनुसंधान केन्द्र शुरू करने का दायित्व जीव-जंतु वैज्ञानिक डा.सुदय प्रसाद को सौंपी जा चुकी है। इसी क्रम में वन विभाग द्वारा वन्य प्राणी नीलगाय को नियंत्रण में रख कर उस पर शोध कार्य करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।