Muzaffarpur/BeforePrint: ग्रामीण कृषि मौसम सेवा डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 30 नवम्बर 04 दिसम्बर, तक के लिए मध्यावधि मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है। पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में अगले एक-दो दिनों तक हल्के बादल आ सकते है उसके बाद आसमान साफ रहने की सम्भावना है। इस दौरान मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 4-6 कि०मी० प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलने का अनुमान है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 35 से 40 प्रतिशत रहने की संभावना है।
किसानों के लिए समसामयिक सुझाव
रबी मक्का की बुआई अतिशीघ्र संपन्न कर लें। अगात बोयी गयी मक्का की फसल में निकोनी एवं आवश्यकतानुसार सिचाई करें। गन्ना की रोपाई के लिए स्वस्थ बीज का चयन करें इसके लिए बी0ओ0 146 को०पु० 2061 को०पु० – 09437 राजेंद्र गन्ना-1, बी०ओ-91, बी०ओ 153 एवं बी0ओ0-154 किस्में इस क्षेत्र के लिए अनुषंसित है। कार्बेन्डाजिम दवा के 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर गन्ना के गेड़ियों को 10-15 मिनट तक उपचारित कर रोपाई करें दीमक, कल्ला एवं जड़ छिद्रक कीट से बचाव हेतु बीज को क्लोरपाईरिफॉस 20 ईसी० का 5 लीटर प्रति हेक्टेयर रोपनी के समय पोरियों पर सिराउर में छिड़काव करें। गत माह के लगाये गये आलू की फसल में पौधों की उंचाई 12-15 से०मी० हो जाने पर आलू में निकांनी कर मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
सिंचित एवं समयकालीन गेहूँ की किस्मों की बुआई किसान भाई 10 दिसम्बर तक अवश्य संपन्न कर लें उत्तर बिहार के लिए सिंचित एवं समयकालीन गेहूँ की सी०बी०डब्लू-36, डी०बी०डब्लू०-30, डी0बी0डब्लू0-187, एच0डी0-2733 एच0यू0डब्लू0-465 एच0डी0-2067, एच0डी0-2824 एवं एचडब्लू-468 किस्में अनुषंसित है। बीज को बुबाई से पहले बेबीस्टीन 2.5 ग्राम की दर से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करें। दीमक से बचाव के लिए क्लोरपायरिफॉस 20 ई०सी० दवा का मि०ली० प्रति किलोग्राम बीज की दर से अवष्य उपचारित करें। छिटकों विधि से बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 125 किलोग्राम तथा सीड ड्रील से पंक्ति में बुआई के लिए 100 किलोग्राम बीज का व्यवहार करें बुआई पूर्व खेत में 150-200 क्विंटल कम्पोस्ट 60 किलोग्राम नेत्रजन, 60 किलोग्राम फॉसफोरस एवं 40 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें।
चना की बुआई 10 दिसम्बर तक अवश्य संपन्न कर लें। खेत की तैयारी के समय 20 किलोग्राम नेत्रजन, 45 किलोग्राम फॉसफोरस, 20 किलोग्राम पोटास एवं 20 किलोग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। चना के लिए उन्नत किस्म पूसा–256, के०पी०जी०-59 (उदय) केडब्लूआर0 108. पंत जी 186 एवं पूसा 372 अनुषंसित है। बीज को बेबीस्टीन 25 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। 24 घंटा बाद उपचारित बीज को कजरा पिल्लू से बचाव हेतु क्लोरपाईरीफॉस 8 मि०ली० प्रति किलोग्राम की दर से मिलायें। पुनः 4 से 5 घंटे छाया में रखने के बाद राईजोबीयम कल्चर (पाँच पैकेट प्रति हेक्टेयर) से उपचारित कर बुआई करें। छोटे दानों की किस्मों के लिए बीज दर 75 से 80 किलोग्राम एवं बड़े दानों के लिए 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा दूरी 308 10 से०मी० रखें।
• राई की पिछेती किस्में राजेन्द्र अनुकूल, राजेन्द्र सुफलाम एवं राजेन्द्र राई पिछेती की बुआई अतिशीघ्र संपन्न करने का प्रयास करें। राई की फसल जो 20 से 25 दिनों की हो गयी है उसमें निकोनी तथा बछनी कर पौच से पौच की दूरी 12-15 से०मी० रखें आवश्यकतानुसार सिंचाई करे।
• गोभी की फसल में पती खाने वाली कीट (डायमंड बैंक मॉथ) की निगरानी करें इस कीट के पिल्लू गोभी की मवाली पत्तियों तथा सिरवाले भाग को अधिक क्षति पहुँचाती है। शुरुआती अवस्था में यह पिल्लू पतियों की निचली सतह में सुरंग बनाकर एवं उसके अन्दर परियो को खाता है। इस कोट से बचाव हेतु स्पेनोसेड 48 इ०सी० दवा एक मि०ली० प्रति 4 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। अच्छे परिणाम के लिए एक मि०ली० गोन्द प्रति लीटर पानी में डालें।
सब्जियों वाली फसल में निकोनी एवं आवश्यकतानुसार सिचाई करें। टमाटर की फसल में फल छेदक कीट की निगरानी करें। इसके पिल्लू फल में घुसकर अन्दर से खाकर पूरी तरह फल को नष्ट कर देते हैं, जिससे प्रभावित फलों को बढ़वार रुक जाती है और वे खाने लायक नहीं रहते, पूरी फसल बरबाद हो जाती हैं। फल छेदक कीट से बचाव हेतु खेतों में पक्षी बसेरा लगायें कीट का प्रकोप दिखाई देने पर सर्वप्रथम कीट से क्षतिग्रस्त फलों की तुराई कर नष्ट कर दें एवं उसके बाद स्पीनेसेट 48 ई०सी०/ 1 मि०ली० प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
अगात मटर की फसल में अच्छे फलन के लिए 2 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिड़काव करें। चने, मटर और टमाटर की फसल में फली छेदक कीट निगरानी करें कीट से बचाव हेतु फिरोमोन प्रवेश / 3-4 प्रपंश प्रति एकड़ की दर से लगायें। बारे के लिए जई तथा बरसीम की बुआई करें दूधारू पशुओं के रख-रखाव एवं खान पान पर विषेश ध्यान दें पशुओं को रात में खुले स्थान पर नहीं रखें। आज का न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस,