पटना में एक नामी कोचिंग संस्थान पर धोखाधड़ी का आरोप, छात्रों ने दर्ज करवाई शिकायत

पटना

पटना, अशोक “अश्क” बिहार की राजधानी पटना में प्रतिष्ठित FIITJEE कोचिंग सेंटर पर छात्रों के साथ धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संस्थान ने कई छात्रों से लाखों रुपये की फीस वसूली और उसके बाद बिना सूचना दिए अपने कोचिंग सेंटर बंद कर दिए। इस घटना से नाराज छात्रों ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में कोचिंग संस्थान के निदेशक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

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पटना के कोतवाली थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, FIITJEE के निदेशक डीके गोयल, CFO मनीष आनंद, सेंटर हेड राजीव बब्बर और आरके ठाकुर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि संस्थान ने छात्रों से लाखों रुपये फीस के तौर पर वसूल किए और फिर अपने पटना के विभिन्न सेंटरों में पढ़ाई रोक दी। शिकायत में यह भी कहा गया है कि सेंटरों को अचानक बंद कर दिया गया, जिससे छात्रों और उनके अभिभावकों को आर्थिक और मानसिक नुकसान हुआ।

डीएसपी कृष्ण मुरारी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया, अप्रैल में शुरू होने वाले एक कोर्स के लिए छात्रों ने एडमिशन लिया था और पूरी फीस जमा की थी। लेकिन, संस्थान के शिक्षकों ने छात्रों को जानकारी दी कि पटना के सभी सेंटर बंद किए जा रहे हैं। इसके बाद छात्रों ने कोचिंग प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है।

FIITJEE के 20 बैंक खातों को सीज कर दिया गया है, और अन्य बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। डीएसपी ने कहा, हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि संस्थान ने छात्रों से वसूले गए पैसे का क्या किया। इसके अलावा, संस्थान के प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों की तलाश जारी है। छात्रों ने आरोप लगाया कि संस्थान ने न केवल उनका समय और पैसा बर्बाद किया, बल्कि उनकी पढ़ाई और भविष्य पर भी बुरा असर डाला है।

एक छात्र ने कहा, हमने कोचिंग की फीस के लिए कर्ज लिया था। अब सेंटर बंद हो गया है, और हमारी पढ़ाई अधूरी रह गई है। बताया जा रहा है कि FIITJEE के कई शिक्षक भी संस्थान छोड़कर दूसरे कोचिंग संस्थानों में शामिल हो गए हैं। यह कदम छात्रों के संदेह को और बढ़ाता है कि संस्थान बंद करने की योजना पहले से ही बनाई गई थी।

मामले के तूल पकड़ने के बावजूद FIITJEE प्रबंधन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। छात्रों और अभिभावकों ने मांग की है कि प्रबंधन जल्द से जल्द अपनी स्थिति स्पष्ट करे और छात्रों के नुकसान की भरपाई करे। पुलिस ने बताया कि संस्थान के 20 बैंक खातों को सीज किया गया है, और उनके लेनदेन की जांच की जा रही है।

पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि संस्थान ने छात्रों से वसूले गए पैसे का कहां इस्तेमाल किया। इसके साथ ही, कोचिंग प्रबंधन से जुड़े अन्य व्यक्तियों की पहचान की जा रही है, ताकि उनकी भूमिका की भी जांच हो सके। इस घटना से छात्रों के अभिभावक भी बेहद नाराज हैं। एक अभिभावक ने कहा, हमने सोचा था कि यह संस्थान हमारे बच्चों को अच्छे भविष्य की ओर ले जाएगा। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि हमें धोखा दिया गया है।

सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यह मामला न केवल छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है, बल्कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र की विश्वसनीयता पर भी एक बड़ा धब्बा है। FIITJEE जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का इस तरह का व्यवहार अन्य कोचिंग संस्थानों और छात्रों के विश्वास को भी प्रभावित कर सकता है।