नाबालिग लड़कियों-महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा-बलात्कार की गहरी चपेट में है बिहार

पटना

दलित-अतिपिछड़ी व कमजोर समुदाय की लड़कियां सवर्ण सामंती ताकतों के निशाने पर

काजल कुमारी के न्याय की मांग पर पूर्णिया से चली पदयात्रा को माले का समर्थन

स्टेट डेस्क/पटना: भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि ऐसा लगता है कि बिहार में नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ एक युद्ध-सा छेड़ दिया गया है। यौन हिंसा और बलात्कार की लगातार बढ़ती घटनाएं बेहद भयावह हैं। खासकर, दलित-अतिपिछड़ी और कमजोर समुदाय की नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। समाज की सवर्ण सामंती ताकतें इन पर हमले कर रही हैं। ये ताकतें एक बार फिर से 1990 से पहले के दौर को वापस लाना चाहती हैं।

उन्होंने कहा कि ये सभी हत्यारे और बलात्कारी भाजपा पृष्ठभूमि के लोग हैं। भाजपा के संरक्षण में ही महिलाओं पर हमले की बाढ़-सी आ गई है। पूर्णिया में धानुक समुदाय से आने वाली काजल कुमारी की हत्या सवर्ण सामंती ताकतों ने की है। पीड़िता की मां ने बलात्कार का भी आरोप लगाया है। काजल कुमारी के न्याय की मांग पर फणीश्वरनाथ रेणु के गांव से पटना तक पदयात्रा निकली है। इस पदयात्रा का भाकपा-माले पूरी तरह से समर्थन करती है, और 11 अप्रैल को पटना में इसका समापन होगा, जिसमें पार्टी के कार्यकर्ता भी भाग लेंगे।

इसके अतिरिक्त, औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड के धनांव में 5 अप्रैल 2025 को चंद्रवंशी समाज की दो बेटियों के साथ दबंग जाति समुदाय के धनन्जय सिंह ने बलात्कार की कोशिश की, और विरोध करने पर बर्बर तरीके से लाठी-डंडे से उनकी पिटाई की, जिससे एक के सर, हाथ और पैर में गहरी चोटें आईं, जबकि दूसरी का बायां हाथ और कमर टूट गया। बेगूसराय में भी एक छात्रा पर एसिड से हमला किया गया है। इस प्रकार के दर्जनों मामले पहले भी सामने आए हैं, जैसे स्नेहा कुशवाहा कांड।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अतिपिछड़ों और दलितों की दुहाई देने वाले नीतीश कुमार का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है। ये घटनाएं साबित करती हैं कि भाजपा और जदयू के लोग दलितों, अतिपिछड़ों, पिछड़ों और महिलाओं के खिलाफ किस कदर घृणा से भरे हुए हैं। भाकपा-माले इस प्रकार के हमले को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन चलाएगी।