पटना, अशोक “अश्क” बिहार के मोकामा में बुधवार शाम हुई गोलीबारी के मामले में पूर्व विधायक अनंत सिंह ने शुक्रवार को बाढ़ कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट में सरेंडर के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया। अनंत सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखा गया है। इस घटना में शामिल सोनू-मोनू गैंग और अनंत सिंह के समर्थकों के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी।

यह गोलीबारी मोकामा के पंचमहला थाना क्षेत्र के नौरंगा गांव में हुई थी। पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार सुबह सोनू सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दोपहर में अनंत सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। सरेंडर के दौरान कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में उनके समर्थक इकट्ठा हुए, वहीं पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी देखी गई।
सरेंडर के बाद मीडिया से बात करते हुए अनंत सिंह ने कहा, सरकार के नियम का पालन करना हमारा कर्तव्य है। किसी ने मुझ पर एफआईआर दर्ज कराई है, तो मैंने सरेंडर कर दिया। अब जेल जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। गोलीबारी में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
शुक्रवार सुबह मोकामा के हेमजा गांव में ईंट-भट्टा के मुंशी मुकेश के घर पर भी फायरिंग हुई, जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया। हेमजा गांव की घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सोनू सिंह को गिरफ्तार किया। वहीं, अनंत सिंह ने बाद में कोर्ट आकर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस का कहना है कि अन्य आरोपितों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
अनंत सिंह के कोर्ट में सरेंडर करने के दौरान उनके समर्थकों की भारी भीड़ कोर्ट परिसर में देखी गई। पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। कोर्ट में सरेंडर के बाद अनंत सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया।
इस गोलीबारी और उसके बाद हुई गिरफ्तारियों ने मोकामा क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है। पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है और दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। मोकामा गोलीबारी मामले ने क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गर्मा दिया है। अनंत सिंह और सोनू सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी है। इस घटना ने एक बार फिर राज्य में अपराध और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।