सहरसा में आइसा नेता कुंदन यादव और खेग्रामस नेता विक्की राम की गिरफ्तारी क्यों: धीरेन्द्र झा

पटना

प्रगति यात्रा या दमन यात्रा? लोकतंत्र पर हमले का प्रतीक है यह घटना

स्टेट डेस्क/पटना: भाकपा (माले) के मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा ने सहरसा में आइसा नेता कुंदन यादव और खेग्रामस नेता विक्की राम की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को आतंक यात्रा बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और जनता की आवाज को दबाने का खुला प्रयास है।

उन्होंने कहा कि रात के 2 बजे पुलिस ने भाकपा (माले) से जुड़े इन नौजवान नेताओं को गिरफ्तार किया। अब तक यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन्हें कहां रखा गया है। मुख्यमंत्री जनता के सवालों और युवाओं के आक्रोश से डर गये हैं। यह घटना उनके डर और अलोकतांत्रिक मंसूबों को उजागर करती है।

जनता के सवालों से भाग रही सरकार

धीरेन्द्र झा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जनता से संवाद करने के बजाय पुलिसिया दमन का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने हाउस अरेस्ट और पुलिसिया धमकियों का सहारा लिया। अब न्यायालय से नोटिस भिजवाने जैसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। यह बिहार में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है।

आइसा नेता कुंदन यादव और खेग्रामस नेता विक्की राम मुख्यमंत्री से जनता के बुनियादी सवाल पूछना चाहते थे। धीरेन्द्र झा ने कहा कि कुंदन यादव केवल यह सवाल करना चाहते थे कि बीपीएससी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन क्यों हुआ? वहीं विक्की राम मनरेगा मजदूरों की स्थिति पर बात करना चाहते थे। बिहार में मनरेगा मजदूरों को देश में सबसे कम मजदूरी मिलती है। झारखंड सरकार अपने कोष से मजदूरी बढ़ा सकती है, तो बिहार सरकार क्यों नहीं?

उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारियां सरकार के असली चेहरे को उजागर करती हैं। जनता के सवालों पर संवाद करने की बजाय मुख्यमंत्री पुलिस और प्रशासन का सहारा ले रहे हैं। आखिर यात्रा किसलिए? जनता के सामने सवालों का सामना करने से क्यों डरते हैं?

धीरेन्द्र झा ने कहा कि सरकार बीपीएससी अभ्यर्थियों के दमन, न्यूनतम मजदूरी, मनरेगा में भ्रष्टाचार और मजदूरों की स्थिति जैसे सवालों पर जवाब देने के बजाय जननेताओं को गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार की गद्दारी पर बिहार सरकार क्यों चुप है? राज्य कोष से मजदूरी बढ़ाने जैसे कदम उठाने से परहेज क्यों है? क्या यह सरकार केवल अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए काम कर रही है?

भाकपा (माले) नेता ने कहा कि यह सरकार बिहार में जनता के आंदोलनों को कमजोर करने और लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह रवैया अब और नहीं चलने दिया जाएगा। कुंदन यादव और विक्की राम की गिरफ्तारी जनता की आवाज दबाने की कोशिश है। लेकिन हम इसे कामयाब नहीं होने देंगे। बिहार में जनता की आवाज को दबाने का हर प्रयास नाकाम होगा।

धीरेन्द्र झा ने बिहार सरकार से तत्काल निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की:

  1. कुंदन यादव और विक्की राम की अविलंब रिहाई।
  2. गिरफ्तारियों के पीछे के कारणों की पारदर्शी जानकारी दी जाए।
  3. जनता के सवालों पर दमनकारी रवैया छोड़कर संवाद स्थापित किया जाए।
  4. मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में वृद्धि और उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाए।
  5. बीपीएससी अभ्यर्थियों पर किए गए दमन की उच्चस्तरीय जांच हो।