डेस्क। पर्यटन शब्द ही लोगों के दिलों में एक प्यारा सा एहसास उत्पन्न कर देता है। पर्यटन अर्थात एक विशिष्ट प्रयोजन के साथ यात्रा एवं अपने घर से दूर कहीं ऐसे स्थान पर अल्पकालीन निवास करना एवं उस स्थान की खूबसूरती को निहारना जो आपके मन को प्रफुल्लित कर दे। पर्यटन न सिर्फ मन को आनंदित करना मात्र है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कानपुर नगर जो एक तरफ 1857 केवल स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को बयां करने वाला स्थान है तो वही पौराणिक काल से संबंधित स्थान यथा बिठूर का ध्रुव टीला वाल्मीकि आश्रम सीता रसोई ब्रह्मा खूंटी इत्यादि अनेक स्थलों के पवित्र दर्शन भी कराता है। इसी के साथ-साथ कानपुर गुप्तकालीन मंदिरों के रूप में भीतरगांव ,निबिया खेड़ा, बेहटा बुजुर्ग की खूबसूरत स्थापत्य कला से भी पर्यटकों को रूबरू कराता है।
आज अगर हम पर्यटन को किसी भी जनपद प्रदेश या देश में विकसित करते हैं या बढ़ावा देते हैं तो इसके अनेक लाभ हमें प्राप्त होते हैं जैसे रोजगार सृजन, आय सृजन, अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय सदभाव, संस्कृति का आदान-प्रदान, अतिथि देवो भव की भावना का विकास इत्यादि।
आज कानपुर जनपद में पर्यटन को विशेष रूप से बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कानपुर दर्शन की यात्रा है जो जिला पर्यटन विकास एवं प्रोत्साहन समिति के सहयोग से आयोजित की जा रही है जिसके द्वारा न सिर्फ पौराणिक ,सांस्कृतिक, ऐतिहासिक स्थलों का ही भ्रमण नहीं किया जा रहा है बल्कि आधुनिक पर्यटक स्थलों को भी जैसे कानपुर बोर्ड क्लब अटल घाट स्पोर्ट्स हब ग्रीन पार्क विजिटर गैलरी इत्यादि खूबसूरत स्थलों को भी सम्मिलित किया गया है।
पर्यटन का एक सबसे महत्वपूर्ण पहलू खुशहाली भी है।कानपुर को अगर मेलों का शहर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि यहां साल भर अलग-अलग स्वरूपों के मेले आयोजित होते रहते हैं जिसमें स्थानीय स्तर पर पर्यटकों का आवागमन होता है।