कानपुर। कांग्रेस ने कानपुर की कल्यानपुर विधानसभा सीट से पहले खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी को प्रत्याशी बनाया उसके बाद आज ही जारी संशोधित सूची में गायत्री के स्थान पर खुशी दुबे की बड़ी बहन नेहा तिवारी को प्रत्याशी घोषित किया गया। नेहा ने मंगलवार को नामांकन करा दिया है।
नेहा का कहना है कि विकास दुबे ने पुलिस वालों की हत्या कर दी। तो इसमें खुशी की क्या गलती है? वह तो नाबालिग है और अब तक सजा काट रही है। उसे न्याय दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी।बिकरू कांड में नौ पुलिस वालों की विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हत्या कर दी थी। इस सामूहिक हत्याकांड विकास का शूटर अमर दुबे भी था। पुलिस ने अमर दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।
उसकी पत्नी खुशी दुबे (तब नाबालिग) को षड़यंत्रकारी बताते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। पहले वह सरंक्षण गृह में थी पर बालिग होते ही उसे माती जेल में डाल दिया गया। आरोप है कि खुशी के साथ बहुत ज्यादा उत्पीड़न हुआ। बसपा ने अयोध्या में हुए ब्राह्मण सम्मेलन में खुशी को ब्राह्मण उत्पीड़न का चेहरा के रूप में प्रस्तुत किया।
खुशी की जमानत हाईकोर्ट से भी रद्द होने के बाद मामला सुप्रीमकोर्ट में चल रहा है। चुनाव घोषित होते ही बसपा तो पीछे रह गयी पर सपा और कांग्रेस ने खुशी की मां गायत्री तिवारी को प्रत्याशी बनाने के लिए प्रयास किया। कांग्रेस ने उसे प्रत्याशी घोषित कर दिया पर मतदाता सूची में नाम न होने के कारण वह अयोग्य हो गयीं।
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फिर खुशी की बड़ी बहन नेहा तिवारी से संपर्क साधा गया। नेहा तैयार हो गयीं। उनका नाम आते ही शहर कांग्रेस में हलचल मच गयी। प्रमुख दावेदार ममता तिवारी ने भी प्रत्याशी चयन को लेकर नाराजगी जाहिर की। महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती आजाद क्षत्रिय ने कहा कि उन्हें नहीं पता नेहा को कैसे और क्यों प्रत्याशी बनाया गया। उनका संगठन 5 विधानसभा सीटों पर काम कर रहा है।