अशोक “अश्क” बुधवार को महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं। हादसे के बाद मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ में कमी देखी जा रही है। भीड़ नियंत्रण के लिए मेले में आने-जाने के रास्ते अलग कर दिए गए हैं, वहीं प्रयागराज शहर में गाड़ियों की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
साथ ही VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं। यह नियम 4 फरवरी तक प्रभावी रहेंगे। भगदड़ की घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह मेला क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे। वे विशेष रूप से उस स्थान पर पहुंचे, जहां 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर भगदड़ हुई थी।
इस घटना में 30 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 60 श्रद्धालु घायल हुए हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक मृतकों की संख्या 35 से 40 तक हो सकती है। भगदड़ को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, मैं पीड़ितों से मिलने नहीं जाऊंगा, क्योंकि अगर मैं जाऊंगा तो भाजपा इसे राजनीति करार देगी।
वहीं, यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बयान दिया कि सरकार ने इस घटना की जांच के लिए आयोग का गठन कर दिया है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट की मांग की गई है और साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की गई है।
इसमें यह भी कहा गया है कि धार्मिक आयोजनों में भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस व्यवस्था बनाई जाए। बुधवार को भगदड़ के बावजूद श्रद्धालुओं का आना जारी है। प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक, आज दोपहर 12 बजे तक 1.15 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ का आज 18वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 27.58 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।
कल मौनी अमावस्या पर लगभग आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए यूपी सरकार ने 2019 कुंभ में तैनात दो अनुभवी IAS अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तुरंत प्रयागराज बुलाया है। सरकार का मानना है कि इन अधिकारियों के अनुभव से व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है।
हादसे के बाद प्रशासन ने कई सख्त कदम उठाए ये कदम श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास मार्ग बनाए गए हैं, VVIP पास रद्द खास लोगों के पास भी अब मान्य नहीं होंगे, मेला क्षेत्र में किसी भी वाहन को प्रवेश नहीं मिलेगा, मेले पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है और पूरे क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन की कड़ी निगरानी रहेगी।
अब प्रशासन पूरी कोशिश में है कि 4 फरवरी तक मेले की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जाए। अगले महत्वपूर्ण स्नान पर्वों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा के और इंतजाम किए जा सकते हैं। भगदड़ की घटना ने प्रयागराज कुंभ के आयोजन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका और जांच आयोग की रिपोर्ट पर आने वाले दिनों में सरकार को जवाब देना होगा। अब देखना होगा कि प्रशासन इस संकट से किस तरह निपटता है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।