रेडक्रॉस के अलाव ने दिया ठंढ़ी से राहत

बेतिया

बेतिया/अवधेश कुमार शर्मा। ठंढ़ी के मौसम में तापमान का गिरना, कोहरा-कुहासा छाना और तेज ठंडी हवा का प्रकोप स्वाभाविक प्राकृतिक प्रक्रिया है,अलबत्ता इसमें गरीब, मजदूर, असहाय व कमजोर वर्ग के लोग तबाह हो जाते हैं। उनके लिए स्थिति प्राकृतिक आपदा जैसी होती है। उपर्युक्त विचार पश्चिम चंपारण जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ जगमोहन कुमार ने व्यक्त किया।

रेड क्रॉस भवन के पास कविवर गोपाल सिंह नेपाली पथ के किनारे बुधवार की सुबह आमजनों के लिए ठंढ़ से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था करते हुए रेडक्रॉस सोसाइटी बेतिया के सचिव डॉ. जगमोहन कुमार व प्रबंध समिति सदस्य सैयद शकील अहमद ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में रेडक्रॉस मानवीय मूल्यों की रक्षा करता है। डॉ. कुमार ने यह भी कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के मामले में भले ही गिरावट आई है, लेकिन हमारी सावधानी और कोविड से बचाव को अनुकूल व्यवहार में कमी नहीं आनी चाहिए।

रेड क्रॉस ने सभी स्वयंसेवी संगठनों व सक्षम व्यक्तियों से इस शीतलहर जैसी परिस्थिति में मानवता के सेवार्थ आगे आने की अपील की है। इस दौरान रेड क्रॉस यूथ क्लब के सक्रिय स्वयंसेवक इमरान कुरैशी, कर्मी महेन्द्र चौधरी व अन्य अलाव की गर्मी का एहसास शीतलहर में करते देखे गए।

यह भी पढ़े..